अन्धविश्वास आदमी को किस हद तक बर्बाद कर सकता है? जानिए

आज 21वीं सदी में भी लोग अंधविश्वास के चक्कर में पड़कर अपना जीवन बर्बाद कर लेते है। हद तो तब हो जाती है, जब कोई पढ़ा लिखा व्यक्ति इस चक्कर में अपना सब कुछ खो देता है।

ऊपर की तस्वीर देखिए, एक सुखी परिवार, मां – बाप और दो बेटियां।

आंध्रप्रदेश के रहनेवाले पुरुषोत्तम, महिला डिग्री कॉलेज के प्रधानाध्यापक हैं, उनकी पत्नी पद्मजा एक गैर सरकारी स्कूल की करेस्पोंडेंट हैं। उनकी बेटियां भी पढ़ी लिखी थी।

परिवार लॉकडाउन से ही घर में सीमित था। एक रात घर से अजीब तरह की आवाज़ सुनकर लोगों ने पुलिस को सूचना दी। पता चला कि दंपति ने डंबेल से मारकर दोनो बेटियों को मौत के घाट उतार दिया था।

दंपति ने पुलिस को यह भी बताया कि उन्हें अपनी बेटियों का बलिदान करने के लिए एक दिव्य संदेश मिला है क्योंकि आज की रात कलियुग समाप्त होने जा रहा है और उन्हें कल सतयुग की शुरुआत में पुनर्जन्म मिलेगा।

पुलिस को उनके घर से लाश के साथ पूजा की सामग्री भी मिली।

क्या इतने घटनाओं के बाद भी लोगों को अक्ल नहीं आती?

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