अगर हम ट्रैन के ऊपर चढ़कर तार को छू लें तो क्या करंट लगेगा?
ट्रेन के ऊपर से गुजरने वाले तारों में 25000 वोल्ट ए.सी. सप्लाई होती है। और इस 25000 वोल्ट ए.सी. सप्लाई की शक्ति को कम करके नहीं आंकना चाहिए।
ट्रेन के ऊपर चढ़कर छूने की बात छोड़िए, सिर्फ रिमझिम बारिश के समय हाथ में छाता लेकर उस तार के नीचे से निकलने और छाते के हैंडल को फिक्स करने वाले स्क्रू को छूने भर से हाथ में झुनझुनी होती है। जो 25000 वोल्ट की सप्लाई बिना छुए, लगभग पाँच- साढ़े पाँच मीटर की दूरी से अपनी उपस्थिति का अहसास दिला सकती है, सोचिए छू लेंगे, तो क्या होगा?
मेरी जानकारी में एक दुर्घटना तो ऐसी हुई है कि एक व्यक्ति रेलवे लाइन के किनारे पेड़ पर चढ़कर डाल को काट रहा था, और वो डाल कैसे भी OHE को छू गई, जानते हैं क्या हुआ? उस व्यक्ति का शरीर उस पेड़ के साथ जल गया।
दरअसल ये 25000 वोल्ट की सप्लाई जो लोकोमोटिव को OHE से मिलती है, सिंगल फेज सप्लाई का फेज वायर है, जिसका सर्किट लोकोमोटिव पर लगी हुई विभिन्न मशीनों और ट्रैक्शन मोटरों से होता हुआ लोहे की रेल के द्वारा अर्थ होते हुए पूरा होता है।
यहाँ तक कि सुरक्षा मानकों के अनुसार रेलवे में 25000 वोल्ट की लाइव OHE के आसपास काम करते समय सुरक्षित दूरी 2 मीटर है।
यदि कोई ट्रेन की छत पर खड़ा होकर OHE को छुएगा तो वो एक तरह से अपने शरीर के द्वारा ट्रेन से होते हुए, जो कि पहले से ही लोहे की रेल पर खड़ी है, OHE में शॉर्ट सर्किट कर रहा है, इस प्रकार उसका शरीर इस सर्किट का हिस्सा बनेगा और इस सर्किट में बहने वाला फ़ॉल्ट करंट उसके शरीर से होकर बहेगा। ऐसे में करंट तो लगेगा ही, साथ ही 25000 वोल्ट का फ़ॉल्ट करंट लगभग हजारों एम्पेयर होने के कारण, इतनी गर्मी पैदा करेगा कि मानव शरीर में तुरन्त आग लग जायेगी और वो कुछ ही मिनटों में जलकर राख हो जाएगा।
यहाँ कुछ खबरों के लिंक पोस्ट कर रहा हूँ, जो विभिन्न व्यक्तियों के OHE के चपेट में आने से सम्बंधित हैं। इन खबरों के साथ कुछ फोटो और वीडियो संलग्न किए गए हो सकते हैं, जिन्हें देखकर मन विचलित हो सकता है, कृपया अपने जोखिम पर देखें।