अगर तुलसी के पत्ते पीले होकर झड़ने लगें तो वास्तुशास्त्र के मुताबिक ये किस बात का संकेत है? जानिए

तुलसी का पौधा अत्यंत पवित्र पौधा है। तुलसीजी को देवतुल्य माना गया है। हिन्दू धर्म में तुलसी के पौधे को मां लक्ष्मीजी का स्वरूप माना जाता है।

वास्तु के दृष्टिकोण से भी तुलसी के पौधे को बहुत ही शुभ माना जाता है। इससे घर में सकारात्मकता आती है। जिस घर में तुलसीजी का हरा भरा पौधा होता है, वहां माँ लक्ष्मीजी का वास होता है।

वास्तु के अनुसार तुलसी का पौधा भविष्य में आने वाली विपत्तियों, कष्टों, परेशानियों का भी संकेतक होता है। जैसे –

तुलसी के पत्तों का पीले होकर झड़ना – अगर तुलसी के पत्ते पीले होकर झड़ने लगें तो समझना चाहिए कि घर में सकारात्मक ऊर्जा की कमी है। ऐसा होने से परिवार में अशांति का महौल बन सकता है। इसके साथ ही यह कार्यों में रुकावटें आने का भी संकेत होता है। धन संबंधी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है।

तुलसी के पत्तों का अचानक झड़ने लगना – यदि किसी घर में तुलसी अचानक झड़ने लगे तो ऐसा माना जाता है कि उस घर में कुछ बुरा होने वाला है, जैसे – चोट, एक्सीडेंट, धन की हानि आदि।

तुलसी के पौधे की पत्तियों का लगातार झड़ना – यदि तुलसी के पौधे की पत्तियां लगातार गिर रहीं हों तो ऐसा माना जाता है कि खर्चों में बढ़ोतरी होने वाली है, जिसके कारण घर का बजट बिगड़ सकता है। कई बार तो कर्ज लेने की भी नौबत आ सकती है।

तुलसी के पौधे का मुरझाना – वास्तु शास्त्र के अनुसार तुलसी का मुरझाना धन के नाश की ओर इशारा करता है। माना जाता है कि ऐसा होने से घर में दरिद्रता आने लगती है। साथ ही बुध ग्रह का नकारात्मक प्रभाव भी व्यक्ति की बुद्धि भ्रष्ट करता है, जो क्लेश का कारण बनता है।

तुलसी की पत्तियों का खराब होना – तुलसी के पौधे पर कीड़ों के प्रकोप के कारण पत्तियों का खराब होना, आने वाली विपदा की ओर संकेत करता है। वास्तु शास्त्र के अनुसार यह किसी करीबी से मिलने वाले धोखे की ओर भी इशारा करता है।

तुलसी का पौधा रोपने पर, हर बार उसका खराब हो जाना-यदि घर में तुलसी का पौधा टिकता नहीं है, तो यह घर में नकारात्मक ऊर्जा की मौजूदगी का संकेतक होता है। नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव जब अधिक होता है तो उसकी वजह से तुलसी के पौधे की सकारात्मकता कम हो जाती है और वह फल – फूल नहीं पाता।

जिन घरों में तुलसीजी का हरा-भरा पौधा होता है वहां सुख, शांति, समृद्धि और पवित्रता का वर्चस्व होता है।

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