अगर आपको भी बार-बार घबराहट होती हैं तो इसे नजरअंदाज करना पढ़ सकता हैं महंगा..

हमारे आसपास कई लोग हैं. जिन्हें खुद नहीं मालूम है कि वो किस चीज़ से जूझ रहे हैं. क्योंकि ये कोई बीमारी नहीं है. दिखती नहीं है. एंग्जायटी एक मेंटल हेल्थ प्रॉब्लम है. जिसे महज़ घबराहट समझकर लोग उस पर ध्यान नहीं दें.

एंग्जायटी/घबराहट

एंग्जायटी एक प्रकार का नेगेटिव इमोशन है जैसे गुस्सा, डिसगस्ट, गिल्ट, दुःख. नेगेटिव इसलिए बोल रहे हैं क्योंकि ये हमें अपने मन के लेवल पर अकेला, होपलेस महसूस करवाती है. ये हमें शारीरिक तौर पर महसूस हो सकती है, मानसिक तौर पर हो सकती है या दोनों का कॉम्बिनेशन भी हो सकती है.

शारीरिक तौर पर घबराहट, तेज़ धड़कन महसूस होना, प्यास ज़्यादा लगना, हाथ पैर फूल जाना, चक्कर आना और सिर में दर्द रहना
मानसिक तौर पर अप्रिय घटना के बारे में चिंता करते रहना. किसी मैटर पर बहुत ज्यादा सोचना. याददाश्त पर असर पड़ना, फोकस न कर पाना.
डर बनाम एंग्जायटी

डर में डेंजर प्रेजेंट में होता है. उसमें धड़कन कुछ समय के लिए बढ़ती है. हाथ-पैर में खून का दौरान कुछ समय के लिए बढ़ जाएगा. पर कुछ समय बाद हम उसे ओवरकम कर लेंगे और वो ठीक हो जाएगा. एंग्जायटी में काफ़ी लंबे समय तक ये लक्षण बने रहते हैं. बार-बार उभर आते हैं.

फ़ोबिया : एक स्पेसिफ़िक ऑब्जेक्ट या सिचुएशन पर फोकस्ड होते हैं. ये अलग तरह की एंग्जायटी प्रोड्यूस करते हैं. ये अटैक के फॉर्म में महसूस होती है. पैनिक अटैक के फॉर्म में. फिर दूसरा अटैक न आ जाए इस बारे में आप डरते रहते हैं

अगर आपको एंग्जायटी की दिक्कत है तो उसका इलाज मुमकिन है. लेकिन इसके लिए सबसे जरूरी है इसकी पहचान करना. डिनायल मोड से बाहर आना कि हमें तो मेंटल दिक्कतें नहीं हो सकती हैं. साथ ही जरूरी है कि दोस्तों का, परिवार का साथ मिले. इस पर खुलकर बात करने की जरूरत है ताकि लोग जागरूक हो सकें.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *