अगर आपकी पत्नी आज ही शुरू करे ये 5 काम करना, तो पति चल पड़ेगा करोड़पति बनने की राह पर

शास्त्रों में विवाहित जीवन के बारे में कई महत्वपूर्ण बातें बताई गई हैं वास्तव में भारतीय संस्कृति में पति-पत्नी के बीच के रिश्ते को बहुत पवित्र माना जाता है इसलिए इसके बारे में कई नियम और आदर्श बनाए गए हैं ताकि एक व्यक्ति ठीक से घर ले सके शादीशुदा जिंदगी का पूरा फायदा उठाएं। वहीं कई बार न चाहते हुए भी वैवाहिक जीवन में परेशानियां आती हैं। ऐसी स्थिति में शास्त्रों में इसकी रोकथाम का भी उल्लेख किया गया है। ज्योतिष में विवाहित जीवन की परेशानियों को खत्म करने और आपसी प्रेम बढ़ाने के कई तरीके हैं। आज हम आपको कुछ ऐसे उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं जिनके बारे में माना जाता है कि पत्नी उन्हें सही इरादे से करती है वैवाहिक जीवन की सभी समस्याएं खत्म हो जाती हैं और इससे पति का सौभाग्य हमेशा बना रहता है।

दरअसल पति-पत्नी के बीच प्यार होना बहुत जरूरी है। यह व्यावहारिक रूप के साथ-साथ दोनों की कुंडली पर भी लागू होता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यदि जीवनसाथी की कुंडली में ग्रहों से संबंधित दोष हैं तो वैवाहिक जीवन सफल नहीं होता है। ऐसी विषम परिस्थिति में वैवाहिक जीवन को सफल बनाने और पति के सौभाग्य को बढ़ाने के लिए ज्योतिष शास्त्र में कुछ उपाय बताए गए हैं जो इस प्रकार हैं।

विवाहित जीवन की सफलता के लिए भगवान शिव और देवी पार्वती की पूजा बहुत फलदायी मानी जाती है। इसके अलावा हर सुबह मां पार्वती को सिंदूर चढ़ाते समय महिला को अपनी मांग में सिंदूर लगाना चाहिए। इससे पति का सौभाग्य बढ़ता है और वैवाहिक जीवन में सुख-शांति बढ़ती है। हालांकि यह उपाय विशेष रूप से पत्नी द्वारा किया जाना चाहिए।

कुंडली के पहले, चौथे, सातवें, आठवें, बारहवें भाव में मंगल होने के कारण व्यक्ति मांगलिक हो जाता है। ऐसी स्थिति में मंगल की पूजा करनी चाहिए। दरअसल अगर पति या पत्नी दोनों की कुंडली में मंगल दोष होता है तो इससे शादी के बाद विवाद होने की संभावना बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में इससे बचने के लिए आपको पूर्ण विधि से मंगल की पूजा करनी चाहिए और ऊं भौमाय नमः मंत्र का जाप करना चाहिए।

साथ ही, सप्तम भाव में शनि की स्थिति के कारण वैवाहिक जीवन में परेशानियां आती हैं इससे बचने के लिए व्यक्ति को प्रत्येक शनिवार को ओम शनि शनैश्चराय नमः मंत्र का 1008 बार जाप करना चाहिए।

दूसरी ओर यदि कुंडली में राहु या केतु के कारण विवाहित जीवन में समस्याएं हैं तो इसे रोकने के लिए राहु मंत्र ऊं राह राहवे नमः का 1008 बार जप करना चाहिए। केतु के लिए, ऊँ केतवे नमः मंत्र का 1008 बार जप करें। ध्यान रहे कि आपको हर शनिवार इस मंत्र का जाप करना है।

वहीं कुंडली के सप्तम भाव में सूर्य की उपस्थिति के कारण पति-पत्नी के बीच वाद-विवाद होता है। इसे रोकने के लिए पति और पत्नी को प्रत्येक रविवार को आदित्य हृदय स्तोत्र का पाठ करना चाहिए और रविवार को भोजन में नमक का त्याग करना चाहिए। लाल चंदन, लाल फूल, चावल को पानी में मिलाकर सूर्य को तीन बार अर्पित करें।

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