“हिन्दु जहाँ कहीं भी दिखें उन्हें कत्ल कर दो” क्या यह बात क़ुरान में लिखी है जानिए

आजकल कुछ राजनीतिक दल और खुद को देशभक्त कहने वाले संगठन समाज में नफरत घोलने का काम कर रहे हैं और एक धर्म विशेष के लोगों को दूसरे धर्म के लोगों के खिलाफ भड़काते हैं यह बोलकर कि क़ुरान में लिखा है कि “हिन्दु जहाँ कहीं भी दिखें उन्हें कत्ल कर दो”। लेकिन आज हम आपको बताएँगे कि क्या हिन्दु शब्द और उन्हें कत्ल करने की बात क़ुरान में लिखी है या नहीं।

क़ुरान इस्लाम के आखिरी पैगम्बर हजरत मुहम्मद साहब को समर्पित है और यह एक आसमानी किताब है जिसमें एक-एक शब्द ईश्वर के हैं। अगर हम क़ुरान का अध्यन करें तो हम पाएँगे कि ना ही तो हिन्दु या सनातन शब्द और ना हिंदुओं को कत्ल करने की बात क़ुरान में लिखी है।

दरअसल क़ुरान में हमें उस घटना का जिक्र मिलता है कि जब पैगम्बर मुहम्मद साहब ने मक्का के लोगों से सुलह करते हुए एक सुलहनामा तैयार करवाया जिसमें कुछ शर्तें थीं, तो उसी पर क़ुरान की आयत आयी थी की “अगर यह लोग सुलह को तोड़ते हैं और तुमसे लड़ते हैं तो फिर इनसे जंग करो और यह लोग जहाँ कहीं भी हो इन्हें कत्ल कर दो लेकिन अगर इनमें से कोई अमन की बात करे या ईश्वर पर ईमान ले आए तो उसे छोड़ देना”।

इस्लाम में यह बात लिखी हुई है की जंग में इस बात का खयाल रखना होगा की किसी बेगुनाह, बुजुर्ग, बच्चे, औरत, पेड़ पौधों, जानवर या फिर किसी की सम्पत्ति को नुक्सान नहीं पहुंचना चाहिए, बस जो तुमसे जंग करे तो तुम भी उससे जंग करो।

अतः यह बात साफ होती है कि क़ुरान में कहीं भी हिंदुओं को कत्ल करने भी बात नहीं लिखी है पर हाँ यह ज़रूर लिखा है कि “अगर तुम किसी एक इन्सान को मारते हो तो यह माना जायेगा कि तुमने पूरी इंसानियत को मार दिया और अगर तुमने एक इन्सान को बचाया तो तुमने पूरी इंसानियत को बचा लिया”।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *