हिंदू धर्म में तिलक लगाने के क्या लाभ हैं? जानिए
तिलक को भृकुटि यानी दोनों भौंहों के बीच त्रिवेणी स्थान पर लगाया जाता है। मस्तिष्क के बीच इसी स्थान पर हमारा छठा चक्र जिसे हम आज्ञाचक्र कहते वह होता है। आज्ञा चक्र के इसी स्थान पर इडा पिंगला व सुषुम्ना नाड़ी का संगम स्थान है,
अज्ञाचक्र आखो की पवित्रता को दर्शाता है तिलक लगाने से व्यक्ति की आंखो मै पवित्रता आती है जिस कारण बुरी चीजों को व्यक्ति नहीं देखता। इसी स्थान पर महिलाएं टीका, बिंदी लगाती हैं।
अनेक महिलाएं विशेष अवसरों पर नाक के ऊपर से भृकुटि से होते हुए कपाल व मांग तक तिलक का टीका भरती हैं। पूजा-अर्चना बिना तिलक लगाए नहीं की जाती। तिलक लगाने के समय सिर पर एक हाथ रखने की परम्परा है, यह भी मन-मस्तिष्क शांत रखने की एक प्रक्रिया है।