हमारे ग्रंथों में ऐसा क्या वर्णित था, जो अंग्रेजों ने उसे जला दिया?

ऐसा इसलिए कह रहा हूं क्योंकि धर्म ग्रंथ कलयुग में नहीं लिखे गए थे , वे सतयुग में लिखे गए थे । सतयुग के बाद 2 युग बीत चुके हैं और तीसरा या अंतिम युग कलयुग चल रहा है । यहां पर यह स्वाभाविक है कि जिस किताब में लिखी गई होगी वह किताब कब का खत्म हो चुका होगा ।

चाहे कुछ भी हो श्रीमद्भागवत गीता हो या फिर ग्रंथ यह सब गुरू परंपरा के कारण आज तक अस्तित्व रखते हैं और आगे भी रखते रहेंगे ।

अंग्रेजों का ग्रंथों को जला देने से कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि वे सिर्फ किताबें जला सकते हैं , किसी का ज्ञान नहीं ।

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