स्वामी विवेकानंद की मृत्यु कैसे हुई थी? जानिए आप भी

महज 39 वर्ष की आयु में ही स्वामी विवेकानंद जी इस संसार से विदा हो गए। उनके शिष्यों के अनुसार स्वामी जी ने पहले ही बता दिया था की वह 40 साल से ज्यादा जीवित नहीं रहा पाएंगे। उस दिन स्वामी जी हर रोज की तरह सुबह उठ भगवन की पूजा और योग करते है इसके बाद घूमने के लिए निकल जाते है। वपस आने के बाद शिष्यों को वेद, संस्कृत और आध्यत्म का ज्ञान देते है। शाम होते ही वह 7 बजे अपने कमरे में जाते है और किसी को भी उन्हें डिस्टर्ब ना करना का आदेश देते है । रात 9 बजे के 10 मिनट में उनकी मौत का खबर पूरे मठ में फ़ैल गई।

मठवासियों के अनुसार स्वामी जी ने अपनी इच्छानुसार अपना शरीर त्याग महासमाधि ली थी परन्तु मेडिकल साइंस ने इस बात की ख़ारिज करते हुआ कहा उनकी मौत ब्रायन हेमराज से हुई।

उनकी मौत का सच जो भी हो पर स्वामी जी ने अपने पूर्ण जीवन काल में हमेश मनुष्य की भलाई और विश्व में शांति, प्रेम और ज्ञान को स्थापित करने में अग्रसर रहे। स्वामी जी ने कभी भी अपने लिए नहीं सोचा वे हमेशा भूख, प्यास, धुप, ठण्ड, गर्मी की परवहा किये बगैर ही देश और देशवासियों की सेवा में लग रहे और शायद यही वजह थी की अपनी अल्पआयु में ही वह कई प्रकार के रोगो से ग्रसित हो गए और 39 वर्ष की आयु में अपना देह त्याग दिया।

स्वामी जी जैसे कर्मयोगी कोई नहीं हो सकता वह जैसे कर्म कर गए वह एक महान कर्मयोगी ही कर सकता है। उनके द्वार दिया सर्वश्रेठ ज्ञान और स्वामी विवेकानंद के प्रेरणादायक विचारों को अपने जीवन में जरूर उतारे ।

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