सोनू ने लिया लोन ,सब कर रहे उसे फोन

व्यापार इतना अच्छा चलता था कि कभी उसे किसी चीज की कमी महसूस नही होती थी।उसने अपने व्यापार को और ज्यादा बढ़ाने की सोची जिसके लिए उसने बैंक से लोन उठाया और अपने वयापार में लगा दिया।दोस्तो उसकी मेहनत रंग लाई और बहुत जल्द अपने मुनाफे के पैसे से एक गाड़ी खरीद ली उसके घर के लोग बहुत खुश थे क्योंकी सोनू ने अपनी मेहनत से सब कुछ किया था।

लेकिन उनकी ये खुशी ज्यादा दिनों तक नही रही।दोस्तो कहते हैं ना पैसे की गर्मी हर किसी को बर्दाश्त नही होती।कुछ ऐसा ही सोनू के साथ भी हुआ।उसे पैसों का घमंड हो गया अब वो ज्यादातर अपनी दुकान बंद रखता था और अपना ज्यादा टाइम घूमने और फुजूल खर्ची में बिताता था जल्दी अपनी दुकान की तरफ देखता भी नही था लेकिन वो ये भूल गया था के आज वो जो कुछ भी है उसी दुकान की वजह से कुछ समय तो उसके अच्छे से निकल गये लेकिन एक समय ऐसा आया जब उसके पास लोन अदा करने के लिए भी पैसे नही हो रहे थे।

उसे अपने दोस्तों से कर्ज ले कर लोन की अदायगी करनी पड़ी। अब हर बार उसे लोन की अदायगी के लिए अपने दोस्तों से कर्ज लेना पड़ता था। क्यों के उसका वयापार ठप हो चुका था।लगातार उसकी दुकान बंद रहने की वजह से उसके कस्टमर भी बिगड़ गए थे। अब उसने दुकान ठीक ढंग से खोलने की सोची लेकिन दुकान मंदा चलने लगा दोस्तो से लिये पैसे से लोन तो धीरे-धीरे पूरा हो गया।लेकिन अब उसके दोस्तों ने पैसा मांगना सुरु कर दिया।सोनू ने फिर से लोन उठाया और कई दोस्तो के पैसे वापस कर दिए।उसका ब्याज दर इतना ज्यादा था ।

क्युकी वो अपने किसी-किसी दोस्त को पैसे नही दे पाया और दूसरे लोन का पैसा भी नही दे पा रहा था।उसे दोस्तो को और बैंक से फोन कॉल्स आने लगे।उपर से घर का खर्च और दुकान के सामान को लाने में उसके सारे पैसे खर्च हो जाते थे आखिर तंग आकर उसने खुद को खत्म करने का फैशला कर लिया और जहर पी गया।

मेरे इस लेख को लिखने का तातपर्य यही है कि हमे कभी भी हिम्मत नही हारनी चाहिए। जिंदगी हमे तकलीफ तो देती है पर मौत हमारे अपनो को उससे भी ज्यादा तकलीफ देती है।

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