सरकार अब सब्सिडी बंद क्यों कर रही है ? जानिए सच
सरकार चाहती है कि वह सदैव सत्ता में बनी रहे। जो मुख्य वायदे थे, वे पूरे कर नहीं पा रही है जैसे लोगों को रोज़गार दिलाना, विदेशों से काला धन मंगाना, भ्रष्टाचार दूर करना, मंहगाई दूर करना, अर्थव्यवस्था को गति देना आदि। उसका भरोसा गरीब तबके की ओर है जो वास्तव में वोट देता है। वह उन्हें कामों की बजाय मुफ़्त की ख़ैरात बाँटने में ज्यादा विश्वास करती है जैसे उन्हें सालाना ₹6000 देना, ₹5 लाख तक का भारत आयुष्मान योजना के अंतर्गत उनका स्वास्थ्य बीमा करना, उज्ज्वला योजना के अंतर्गत मुफ़्त गैस कनेक्शन देना, मुफ़्त राशन देना आदि आदि।अब इनमें होने वाले की व्यय की भरपाई कहाँ से हो?
अत: धनप्राप्ति के जो भी स्रोत है उन्हीं से इस धन को प्राप्त करने का प्रयास चल रहा है। इसका सबसे ज्यादा भार मध्यम आय वर्ग के लोगों को ज्यादा झेलना पड रहा है।
- उनके लिये आयकर में अब तक कोई विशेष राहत नहीं दी गई है।
- अर्थव्यवस्था बढ नहीं पा रही है जिससे कर संग्रह बढ पाता और मुफ़्त की योजनाओं की भरपाई हो सकती।
ऐसी अवस्था में धन एकत्र करने के निम्न प्रयास चल रहे हैं……
- लाभकारी सरकारी सम्पत्तियों को औंने-पौने दामों पर निजीकरण के नाम से बेच देना।
- पेट्रोल-डीज़ल-गैस आदि के दाम बढ़ाना ताकि ज्यादा से ज्यादा धन प्राप्त होता रहे।
इसी के अंतर्गत लोगों को मिलने वाली सब्सिडी भी है जिसे समाप्त करने पर सरकार को कुछ तो बचत होगी और जनता पर ज्यादा बोझ भी नहीं पड़ेगा। इसलिये सब्सिडी बंद की जा रही है।