समुद्र मंथन में वर्णित मंदार पर्वत कहाँ पर स्थित है? जानिए
मंदार(मन्दराचल) पर्वत बिहार राज्य के भागलपुर के समीप बांका जिले में स्थित है,
यह सनातन और दिगम्बर जैन दोनो हेतु ही पवित्र स्थान है।
इस पर्वत की ऊंचाई ७०० फ़ीट है,यहां के पत्थर ग्रेनाइट पत्थर है मान्यता है की धौम्य मुनि के ही पुत्र ही मंदार है।कई पुराणों और धर्मग्रंथो में इसका वर्णन है
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार यही वो पर्वत है जिसका प्रयोग समुद्र मंथन में मथनी के रूप में हुआ जिससे १४ रत्नों की प्राप्ति हुई।
इस स्थान पर अनेक दर्शनीय स्थल है यहां पर कई मंदिर दर्जनों गुफा,कुंड जिसमे
//पापहरणी कुंड
//लक्ष्मीनारायण मंदिर
//दिगम्बर जैन मंदिर
//नरसिंह गुफा
//मधुसूदन मंदिर
//सीता कुंड
//शुकदेव गुफा
//राम झरोखा
//चैतन्य मंदिर
//कामधेनु मन्दिर
सहित प्रमुख हैं । मान्यता के अनुसार कुष्टरोगी पापहरणी कुंड में स्नान कर सभी तरह के कुष्ट रोग से मुक्त हो जाते हैं।इस तालाब के मध्य में लक्ष्मी नारायण मंदिर विराजमान है।लोगो की आस्था के अनुसार यहीं पर भगवान विष्णु द्वारा मधु नामक राक्षस का वध किया जिससे उनका नाम मधुसूदन पड़ा, जिसकी कहानी बयां करता उनका एक मंदिर है,माघ में मकर संक्रांति के अवसर पर यहां पर प्रत्येक वर्ष मेले का आयोजन किया जाता है।