सबरीमाला मंदिर का क्या इतिहास है ?

केरल के सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश को लेकर सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी बवाल मचा हुआ है. हालांकि सीएम पिनराई विजयन ने साफ कर दिया है कि वो कोर्ट के आदेश का पालन करेंगे. मंदिर में बुधवार से वार्षिक पूजा शुरू हो रही है. बड़ी संख्या में महिलाएं दर्शन के लिए रवाना हुई थीं, हालांकि प्रदर्शनकारियों ने महिलाओं को बसों से घसीटकर उतार दिया. वहीं बेस कैंप से भी महिलाओं को भगाया जा रहा है.

सबरीमाला अयप्पा भगवान का मंदिर है. ये मंदिर केरल की राजधानी तिरुवनंतपुरम से 175 किलोमीटर दूर पहाड़ियों पर स्थित है. भगवान अयप्पा को ब्रह्मचारी और तपस्वी माना जाता है. इसलिए मंदिर में मासिक धर्म के आयु वर्ग वाली महिलाओं का जाना प्रतिबंधित था. मंदिर ट्रस्ट का दावा है कि यहां 1500 साल से महिलाओं के प्रवेश पर बैन है.

कौन हैं भगवान अयप्पा?

पौराणिक कथाओं में माना जाता है कि भगवान अयप्पा भगवान शिव और मोहिनी (विष्णु भगवान की अवतार) के बेटे थे. इनको दक्षिण भारत में अयप्पा के नाम से जाना जाता है और वैसे इनका नाम हरिहरपुत्र भी है.

इस मंदिर में श्रद्धालु सिर पर पोटली रखकर पहुंचते हैं. इस पोटली को नैवेद्य भी कहा जाता है. इसमें भगवान को चढ़ाई जानी वाली चीजें होती हैं. मान्यता है कि श्रद्धालु तुलसी या रुद्राक्ष की माला पहनकर, व्रत रखकर और सिर पर नैवेद्य लेकर आते हैं तो उनकी इच्छाएं पूरी होती हैं

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *