सगाई की अंगूठी अनामिका अंगुली में ही क्यों पहनी जाती है? जानिए इसके पीछे की वजह
ज्योतिष के अनुसार, हमारे हाथ की हर उंगली हमारे जीवन के एक विशेष हिस्से का प्रतिनिधित्व करती है। जैसे अंगूठा माता-पिता को प्रस्तुत करता है, तर्जनी भाई-बहन का प्रतिनिधित्व करती है, छोटी उंगली संतान के बारे में बताती है, मध्यमा अंगुली स्वयं को प्रस्तुत करती है और अनामिका उंगली जीवनसाथी का प्रतिनिधित्व करती है।
विवाह से जुड़े ज्यादातर रीति-रिवाज किसी खास उद्देश्य से निभाए जाते हैं। हर परंपरा के पीछे कोई न कोई धार्मिक और वैज्ञानिक कारण भी होते हैं। सगाई के दौरान लड़का-लड़की एक दूसरे को हाथ की अनामिका उंगली में अंगूठी पहनाते हैं लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि सगाई की अंगूठी इसी उंगली में क्यों पहनाई जाती है। हम आपको सगाई की अंगूठी से जुड़ी कुछ धार्मिक और वैज्ञानिक कारणों के बारे में बताएंगे।
वैदिक ज्योतिष में अनामिका का संबंध जीवन के क्षेत्रों जैसे प्रसिद्धि, उत्तेजना, दिखावा और चमक से माना जाता है। यह किसी मनुष्य के व्यक्तित्व में इन गतिविधियों की प्रमुखता दिखाता है। हमारे हाथ की अनामिका उंगली हमारे विवाहित जीवन में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है।
सगाई के दौरान पहनाई जाने वाली अंगूठी उस कपल के प्यार और विश्वास की प्रतीक मानी जाती है। यह अग्नि की तरह उनके जन्म तक साथ निभाने के वादे की भी प्रतीक होती है।
भारत में, पुरुष अपने दाहिने हाथ पर इस अंगूठी को पहन सकते हैं जबकि महिलाएं बाएं हाथ पर पहनती हैं। हालांकि हिंदू धर्म में शादी की अंगूठी पहनने के लिए कोई सही हाथ और उंगली का उल्लेख नहीं मिलता है। इस अंगूठी को पहनाने को लेकर भारत में ऐसी कोई सख्त परंपरा भी नहीं है।
ऐसा माना कहा जाता है कि हाथ की अनामिका उंगली सीधे दिल से जुड़ी होती है और यही मुख्य कारण है कि शादी की अंगूठी को इसी उंगली में पहना जाता है।
ज्योतिष के अनुसार, अनामिका ग्रह सूर्य से जुड़ा है। सूर्य को राजा के रूप में जाना जाता है। सूर्य सफलता और शक्ति का ग्रह है। यदि आप एक अनोखी, अद्भुत और आलौकिक ऊर्जा का अहसास पाना चाहते हैं तो अनामिका उंगली पर अंगूठी पहन सकते हैं। यह आपको हर प्रकार से मजबूती प्रदान करता है।
अनामिका उंगली को भावनात्मक उंगली के रूप में भी जाना जाता है। शादी की अंगूठी के रूप में अनामिका चुनने के पीछे एक कारण है। इस उंगली में शादी की अंगूठी पहनने का मतलब अपने जीवन साथी के प्रति वफादार रहना और भावनात्मक रूप से उनसे जुड़ा होना हो सकता है।
यदि कोई व्यक्ति अपनी जोखिम लेने की क्षमता को बढ़ाना चाहता है, तो उसे अपने हाथ की अनामिका उंगली में अंगूठी पहननी चाहिए। मान्यता है कि इस उंगली में अंगूठी पहनना व्यक्ति की रचनात्मकता को मजबूत करने की इच्छा की ओर संकेत करता है। यह दर्शाता है कि व्यक्ति को अपने व्यक्तिगत जीवन में अपनी भावनाओं, विशिष्टता, रचनात्मकता और जोखिम लेने की क्षमता को मजबूत करने की आवश्यकता है।
दूसरी शताब्दी के एक ग्रीको रोमन इतिहासकार अलेक्जेंड्रिया के मुताबिक मिस्रवासियों का मानना था कि हमारे शरीर की एक तंत्रिका है जो उस उंगली से सीधा दिल तक जाती है। इस विचार को 16 वीं शताब्दी के एक लोकप्रिय डच चिकित्सक लेविनस लेमनीस ने पुनर्जीवित किया था। उन्होंने लिखा था कि सोने की अंगूठी को उंगली पर रगड़ने से महिलाओं में दिल प्रभावित होता है और यह जीवन में जोश और उत्साह बढ़ाता है।