शिमला मिर्च में शिमला नाम होने का कोई विशेष महत्व है?
यह सब्जी दक्षिण अमेरिका महाद्वीप की है माना जाता है कि लगभग तीन हजार सालों से इसकी खेती की जा रही है।
इतिहासकार मानते हैं कि अंग्रेज जब भारत में आए तो कैप्सिकम capsicum बेल पेपर bell pepper का बीज भी साथ ले आए।
शिमला की पहाड़ियों की मिट्टी और यहां के मौसम को इस सब्जी की खेती के लिए अनुकूल देखते हुए उन्होंने यहां इसका बीज रोपा।
इसलिए पड़ा शिमला मिर्च नाम
इस सब्जी के उगने लिए यहां की जलवायु बहुत अनुकूल थी, यहां इसकी उत्तम फसल होने लगी, सब ने बस यहीं से धारणा बना ली कि यह मात्र शिमला में होती है और इसे शिमला मिर्च के नाम से बुलाने लगे।
आज कल वाराणसी में भी प्रचुर मात्रा में इसकी खेती होती है अन्य मैदानी स्थान पर भी होती है।
पहले केवल हरे रंग का ही शिमला मिर्च बाजार में मिलती थी जबकि आज भारत में शिमला मिर्च लाल और पीले रंग में भी उपलब्ध है जिसका मूल्य अधिक है।
एंटीऑक्सीडेंट का स्त्रोत
लाल और पीले रंग की शिमला मिर्च स्वास्थ्य के लिए बहुत ही लाभ दायक है। रंगीन सब्ज़ियों में एंटीऑक्सीडेंट प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जिससे आप तनाव से बचे रहते है धमनियों में रक्त संचार भी उत्तम होता है।
लौह तत्व की अल्पता को पूर्ण करें
इसमे उपस्थित विटामिन सी लौह तत्व को सोखने में सहायक है यह रक्ताल्पता से बचाने में भी सहायक होगा।
सन्धिवात( आर्थराइटिस) की समस्या करें दूर
इसमें विटामिन ए, विटामिन सी, विटामिन के भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। घुटनों व जोड़ों में समस्या है तो शिमला मिर्च खाने से आर्थराइटिस की समस्या में भी लाभ पाया जा सकता है।
कैलोरी रहित होने का लाभ
इसमें कैलोरी नहीं होती है जिससे कि आपका हानिकारक कोलेस्ट्रॉल नहीं बढ़ता है।
मधुमेह नियंत्रित करें
शिमला मिर्च आपके लिए सहायक होगी, यह शर्करा स्तर के लिए आवश्यक सही स्तर को बनाए रखती है और मधुमेह से आपकी रक्षा करती है।