शादी के वक्त दूल्हा के मन में क्या विचार आता होगा? जानिए
शादी के वक़्त दुल्हे के मन में ख़ूब लड्डू फूटते हैं। दिमाग सातवें आसमान पर होता है। तब वह सोचता है कि उसके जैसा इस संसार में कोई नहीं।
पता तो शादी के बाद चलता है। जो पहले बंधनमुक्त हुआ करता था, अब बंधनयुक्त हो जाता है।जरा भी घर पहुँचने में देर हो जाये तो बजाय यह पूछे जाने कि कहाँ देर हो गई, यह पूछा जाता है कि कहाँ गुलछर्रे उड़ा रहे थे? शादी से पूर्व जो बंधन लड़कियों पर लगा करते हैं, वे पतियों पर लगने चालू हो जाते हैं।सारी हेकड़ी हवा हो जाती है।
इसी लिये कहा भी गया है, भूल गये रंगराज, भूल गये छकडी; तीन चीज़ याद रहीं नून, तेल, लकड़ी।