वास्तु के अनुसार घर में भगवान की मूर्ति किस दिशा में होनी चाहिए?
पूजा रूम में घर की बाकि जगह से ज्यादा positive energy पाई जाती है!
इसलिए पूजा रूम को वास्तु में बताये दिए नियमों के अनुसार बनाना आवश्यक हो जाता है!
जैसा की आप जानते ही है, यदि पूजा रूम घर में सही दिशा में बना हो तो वह घर में positive ऊर्जा का संचार करता है!
और वे कौन से नियम है जो पूजा रूम को Vastu Compatible बनाते है!
यदि आप भी जानना चाहते है की आपका पूजा रूम वास्तु अनुसार है तो यहाँ आपको अपने इस सवाल का जवाब अवश्य ही मिल जाएगा !
पूजा रूम की स्तिथी :
पूजा रूम के सम्बन्ध में सबसे महत्वपूर्ण है उसकी स्तिथि , अतार्थ पूजा रूम किस जगह बना हैं !
जैसा की वास्तु में बताया गया है पूजा रूम को घर के उत्तर-पूर्व दिशा में बनाना चाहिए!
इसके अतिरिक्त जो सबसे जरुरी है वे हे पूजा करते समय आपका मुख (Facing ) पूर्व की ओर होना चाहिये !
जिससे की पूजा करते समय ईश्वर के साथ-साथ सूरज से मिलने वाली ऊर्जा हमे प्राप्त हो सके !
वैसे तो पूजा रूम कि दिशा (पूजा करते समय मुख) के सम्बन्ध में कई प्रकार के confusion होते है, जैसे मंदिर की facing East होनी चाहिए!
जबकि यहाँ ये समझना जरुरी है की यदि आप मंदिर की facing East रखते है तब आप West face करेंगे इससे आपको मंदिर की positive ऊर्जा ही प्राप्त होगी!
परन्तु यदि आप अपने मंदिर की facing west रखें तब आप पूजा करते वक्त East को face करेंगे जिससे आपको मंदिर तथा ईस्ट से सूरज की ऊर्जा दोनों प्राप्त होंगे!