लोहे की कढ़ाई में किन सब्जियों को बनाना चाहिए और कौन सी सब्जियों को नहीं बनाना चाहिए? जानिए

लोहे की कढ़ाई में किन सब्जियों को बनाना चाहिए और कौन सी सब्जियों को नहीं बनाना चाहिए?

हमारे यहाँ लोहे की कढ़ाई को लोहे की कड़ाही बोलते हैं।

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इस प्रश्न के उत्तर को लिखने से पहले इन बर्तनों के विषय में कुछ जानकारियाँ –

  • हमें अपने शरीर को स्वस्थ रखने के लिए अपने खान-पान में मिनरल और खनिज की अलग-अलग मात्रा की आवश्यकता होती है।
  • हड्डियों, दांतों, त्वचा, बालों, मांसपेशियों को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने के लिए तथा रक्त और तंत्रिकाओं की सामान्य कार्यप्रणाली के लिए मिनरल्स जरूरी हैं।
  • मिनरल या खनिज की कमी से कई तरह की स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं। जैसे कमजोर हड्डियाँ, थकान, या कम प्रतिरक्षा प्रणाली आदि।
  • आम तौर पर यह माना जाता है कि लोहे के बर्तन जैसे कढ़ाई आदि में खाना पकाना स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है।
  • जब लोहे के बर्तनों में खाना पकता है, तो यह धातु की सतह के साथ प्रतिक्रिया करता हैऔर कुछ लौह तत्व पके भोजन में मिल जाते हैं। इस तरह शरीर को आयरन मिल जाता है।
  • शरीर में आयरन की कमी से एनीमिया बीमारी होने का खतरा रहता है, जिसे दूर करने के लिए लोहे के बर्तनों का उपयोग किया जाता है।
  • दूसरा कारण यह भी है कि लोहे के बर्तनों में खाना पकाना इसलिए भी पसंद किया जाता है, क्योंकि ये बर्तन धीमी आंच पर खाना पकाने के लिए उपयुक्त रहते हैं।

लोहे के बर्तनों का प्रयोग करने में कुछ बातों पर ध्यान देना आवश्यक है-

  • लोहे के बर्तनों में हर दिन खाना पकाना सही नहीं है। सप्ताह में केवल दो से तीन बार ही इनमें खाना बनाएँ।
  • खट्टे या एसिड वाले भोजन लोहे के साथ प्रतिक्रिया कर सकते हैं, जिससे भोजन में धातु जैसा अप्रिय स्वाद पैदा हो सकता है। ऐसी चीजों को लोहे के बर्तन में न पकाएँ। कढ़ी, रसम, सांभर या फिर टमाटर से बनने वाली तरी को स्टेनलेस स्टील के बर्तनों में पकाएँ।
  • लोहे के बर्तनों को हल्के डिटर्जेंट से धोएं और तुरंत पोछ दें। खुरदरे स्क्रबर या लोहे के जूने का इस्तेमाल न करें।
  • हमेशा बर्तन को साफ और सूखी जगह पर रखें, जहां पानी और नमी न हो। इन्हें जंग लगने से बचाएँ।
  • लोहे के बर्तनों में पानी या फिर कोई अन्य पेय नहीं रखना चाहिए। लोहा नमी के साथ प्रतिक्रिया करता है और जंग पैदा करता है। यह जंग, अन्य संदूषित तत्वों के साथ मिलकर पानी को प्रभावित कर सकती है।
  • यही कारण है कि लोहे के बर्तनों में पकाया हुआ कोई भी भोजन तुरंत निकालकर किसी अन्य बर्तन विशेषकर काँच या तामचीनी (इनैमल) के बर्तन में रख लेना चाहिए।

लोहे के बर्तन में कौन -सी सब्जी पकानी चाहिए और कौन सी सब्जी को नहीं –

  • लोहे की कड़ाही में आलू, परवल, कटहल, पालक, फूलगोभी, पत्तागोभी, बरबटी, बैंगन शिमला मिर्च, ब्रोकली और बीन्स सहित सभी तरह की सब्जियों को पकाया जा सकता है, लेकिन यह ध्यान देना है कि सब्जी को बनाने के बाद तुरंत उसे काँच या स्टील के बर्तन में डाल दें। लोहे के बर्तन में भोजन पकाने के बाद इसे काफी देर तक छोड़ने के कारण भोजन काला पड़ जाता है। लोहे में आयरन की मात्रा होती है इसलिए लोहे की कड़ाही में बनी सब्जी को खाने पर धातु जैसा स्वाद आता है।
  • लोहे के बर्तन में इमली, टमाटर, कोकम सहित अन्य खट्टी सब्जियों को पकाने से बचना चाहिए। खट्टी सब्जियों का पीएच अम्लीय होता है और लोहे के बर्तन में इन्हें पकाने से ये शरीर के लिए हानिकारक हो सकते हैं। इसलिए लोहे के बर्तन में खट्टी सब्जियों या अन्य चीजों को नहीं बनाना चाहिए।

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