“लाल चींटी” मनुष्यों के लिए, क्यों बेहद ‘खतरनाक’ जानिए

“कोलो बॉस” नामक चींटी, जो प्राय ‘लाल चींटी’ कहलाती है। बेहद खतरनाक मानी जाती है। इन ‘चींटी’ की सबसे खास बात यह होती है कि यह अपने समुदाय के लिए काफी समर्पितहोती है। और आवश्यकता पड़ने पर अपनी जान का बलिदान भी करती है। इन चीटियों को ‘प्रकृति’ ने, अन्य ‘जहरीले कीड़ों’ की समान जहरीले ‘डंक’ नहीं दिए होते हैं।

अन्य कीड़ों अपने शिकारी को जहरीले डंक मार कर भाग जाते हैं या छुप जाते हैं । इस प्रकार वे अपनी शत्रु को मारकर अथवा घायल करके अपनी जान बचा लेते हैं।

परंतु चीटियों के पास इस प्रकार ‘जहरीले डंक’ की क्षमता नहीं होती है। परंतु, ‘प्रकृति’ ने इनके शरीर की आखिरी ‘जहर’ से भरी हुई एक थैली दे रही है, जो इनके शिकारी के लिए बेहद खतरनाक होती है।

किसी भी शिकारी के द्वारा हमला होने पर, सबसे पहले यह अपने चेहरे पर बने दो नुकीले saw (यह लकड़ी काटने ‘आरे’ के समान रचना होती है) को खुलकर सामने पाली शिकारी को चेतावनी देती हैं। उसके बाद भी यदि शिकारी उन पर हमला करता है तो, वह अपने saw के द्वारा उसके शरीर को पकड़ लेते हैं। और अपने शरीर के पिछले भाग में ‘जहर से भरी हुई थैली’ को उसके शरीर में घुसाने का प्रयास करते हैं।

एक बार अपने saw द्वारा शिकारी को पकड़ लेने के पश्चात, वे छोड़ते नहीं है। इसका परिणाम यह होता है कि, इस लड़ाई में इनके शरीर के ‘जहरीले थैली’ फट जाती है और ‘जहर’ शिकारी के शरीर पर लग जाता है। “कोलो बॉस” चींटी के द्वारा छोड़ा गया ‘जहर’, इतना खतरनाक होता है,की सामान्यतः उसके असर से शिकारी भी मारा जाता है।

परंतु, इस लड़ाई में कोलो बॉस चींटी मर जाती है। परंतु अपनी शहादत देने के पश्चात, वे अपने समुदाय के अन्य सदस्यों का जीवन सुरक्षित कर जाती है।

लाल चींटी या कोलो बॉस चींटी का जहर मनुष्यों के लिए भी काफी खतरनाक होता है जो त्वचा में दर्द जलन और खुले तक पैदा कर सकता है।

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