राजा महाराज अपनी 40–50 रानियों को कैसे खुश रखते थे? जानिए आप भी
सभी की सभी रानियां नही होती थी, रानियां तो सिर्फ 2–3 ही होती थी बाकियो के साथ तो रखैल वाला व्यवहार होता था। बाकी एक बात और है सभी को एक समय में खुश करना जरूरी भी नही होता था… जब भी राजा का दिल जिस रानी के साथ संभोग करने को करता था, उसी के साथ करते थे… . वह तो राजा खुद होते थे किसकी इतनी मजाल जो राजा मर्जी ना माने।
बाकी राजा को और कोई काम भी नही होता था, सभी कामों के लिए नौकर चाकर, मंत्री संतरी थे. इसलिए जब भी राजा का जो दिल करता था वही करते थे क्योंकि उन्हे रोकने टोकने वाला तो कोई होता नही था।
जो भी वह करते थे चाहे अच्छा या बुरा प्रजा को आँखे बंद करके सहन करना ही पड़ता था। वैसे भी अधिकतर राजा तानाशाह ही होते थे। उस समय राजतंत्र था।