रहस्यमय हालत में मालगाड़ी और इंसानी लाश की पूरी कहानी सच्च की पड़ताल

एक व्यक्ति उड़ीसा के कालाहांडी से माल गाड़ी लेकर रवाना हुआ। इस समय रात के लगभग 2:00 बजे थे। माल गाड़ी के अंतिम बोगी से लगा हुआ गार्ड रूम रात के समय वैसे भी डरावना लगता था,ओर यह डर उस समय और ज्यादा बढ़ जाता जब मालगाड़ी किसी वीरान जगह खड़ी होती।  

अभी वह रेल लैंगिगर से गुजरते हुए जंगल को पार कर रही थी मालगाड़ी अपनी पूरी स्पीड में थी कि तभी मालगाड़ी की अचानक स्पीड कम होने लगी। तभी गार्ड रूम से बाहर निकला वह गार्डमेन और फिर देखने लगा कि कहीं सिग्नल रेड तो नहीं है लेकिन देखा तो सिग्नल ग्रीन ही था। उसको लगा कि शायद कोई खराबी आ गई होगी या किसी डिब्बे का एयर पाइप फट गया होगा।

 इतने में ही ड्राइवर ने उससे बात करते हुए कहा कि देखिए क्या खराबी हुई है चेक कीजिए तभी वो उतरा और 1-1 डिब्बे को चेक करने लगा। यह ट्रेन 53 डिबो वाली थी। इसमें भी बहुत समय लगने वाला था और रात के समय वीरान जगह में खड़ी गाड़ी को चेक करना इतना भी आसान नहीं था।

उसने काफ़ी डिब्बों की चेकिंग कर ली थी अब तक सब कुछ ठीक था और काफी ठंड होने लगी जोकि घने जंगल होने के कारण थी। ज़ब वह अगले डिब्बे की तरफ गया तो उसकी कपकपि छूटने लगी, रोंगटे खड़े होने लगे शायद यह सब कुछ ठंड की वजह से था।  

 

इतनी ठंड होने के बावजूद उसने डिब्बे की जांच चालू रखी और जब वो  अगले डिब्बे की जांच करके उठा तो उसको  कुछ दिखाई दिया। उसने सही से देखा तो डिब्बे से कुछ टपक रहा था जब उसने टॉर्च लगाकर देखा तो वहाँ खून था।

उसने देखा तो ऊपर किसी इंसान का धड़ लटक रहा था जिस से खून निकल रहा था। तभी उसने ड्राइवर को इन्फॉर्म किया कि शायद कोई इंसान ट्रेन की चपेट में आ गया है। तब उसने बात करके वापस देखा तो वह धड़ वहाँ नहीं था उसने सोचा ऐसा कैसे हो सकता है। तभी उसके पीछे से एक आवाज आई और वो बिना कुछ सोचे समझे चिल्लाते हुए भागा और  ड्राइवर को बता दिया यहां कोई एक्सीडेंट नहीं हुआ है जल्दी से माल गाड़ी निकालो और अगर जान बचानी है तो यहां से निकलो।

तभी गार्ड मेन अपने गार्ड रूम की तरफ भागा। जैसे तैसे करके वह अपने गार्ड रूम तक पहुंचा और अब ट्रेन की स्पीड भी सही थी और जंगल से निकल कर आगे जाकर अम्बाडोला स्टेशन पर रुकी। तभी सबको पता लगा कि उस ट्रैक से जाने वाली ट्रेनें अक्सर अपने आप रुक जाती है और कुछ समय पश्चात अपने आप चलने लगती है, कहा जाता है कि उस ट्रैक पर बहुत सारे लोगों की जान जा चुकी है जिसके कारण वह इलाका डरावना हो गया है।

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