ये नक्सली कौन होते हैं, जो अपने ही देश भारत की सेना पर हमला कर रहे हैं?

भारत में नक्सली हिंसा की शुरुआत 1967 में पश्चिम बंगाल के नक्सलबाड़ी से हुई जिससे इस आंदोलन को इसका नाम मिला.

हालांकि इस विद्रोह को तो पुलिस ने कुचल दिया लेकिन उसके बाद के दशकों में मध्य और पूर्वी भारत के कई हिस्सों में नक्सली गुटों का प्रभाव बढ़ा है. इनमें झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, बिहार, छत्तीसगढ़ और आंध्र प्रदेश जैसे राज्य शामिल हैं.

नक्सलियों का कहना है कि वो उन आदिवासियों और गरीबों के लिए लड़ रहे हैं जिन्हें सरकार ने दशकों से अनदेखा किया है.

माओवादियों का दावा है कि वो जमीन के अधिकार और संसाधनों के वितरण के संघर्ष में स्थानीय सरोकारों का प्रतिनिधित्व करते हैं.

माओवादी अंततः ‘एक कम्युनिस्ट समाज’ की स्थापना करना चाहते हैं, हालांकि उनका प्रभाव आदिवासी इलाकों और जंगलों तक ही सीमित है.

वह भारत के वर्तमान राजनीतिक व्यवस्था में विश्वास नहीं रखते और वैकल्पिक साम्यवादी की व्यवस्था में विश्वास रखने वाले विचार के समर्थक लोग होते हैंइसलिए वह निवर्तमान सरकार के सैनिकों से लड़ते हैं उन पर हमला करते हैं।

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