यदि सूर्य गैस का एक बड़ा गोला है, तो इसे कैसे प्रज्वलित किया गया? जानिए
हमारा सूरज लगभग 4.6 अरब सालो से प्रज्वलित हो रहा है लेकिन अंतरिक्ष जहाँ कोई भी ऑक्सिजन नही वहाँ यह कैसे संभव है लेकिन वास्तव में हमारा सूरज अंतरिक्ष में जलता ही नही है यह प्रकाश उसके कोर में होने वाली एक प्रोसेस से उत्पन्न होती है। जिसे स्टेलर न्यूक्लियोसेन्थेसिस कहते है।
दरअसल इस प्रोसेस में परमाणुओ का न्यूक्लिर फ्यूज़न होता है जिसमे सूरज के ग्रेविटी के कारण हैड्रोजेन के परमाणु हीलियम के परमाणुओ में बदल जाते है जिस प्रक्रिया के दौरान ऊर्जा उत्पन्न होता है यह वही प्रकाश है जिसे हम यहाँ पृथ्वी से देखते है।
इस प्रोसेस को हम हैड्रोजेन बर्निंग भी कहते है। चुकी इस प्रक्रिया में किसी भी प्रकार की ज्वलन नही होती, इसलिए इसमें ऑक्सिजन की जरुरत भी नही पड़ती है।