यदि किसी व्यक्ति के खाते में आज एक लाख रुपए जमा किए जाए और कल निकाल दे तो बैंक को क्या फायदा होगा?
भारतीय रिजर्व बैंक के निर्देशानुसार प्रत्येक बैंक को अपनी कुल जमाओं का एक निश्चित प्रतिशत हिस्सा तरल सम्पत्ति के रूप में भारतीय रिजर्व बैंक के पास जमा रखना अनिवार्य है । ज्ञातव्य रहे कि “नकद राशि” तरल सम्पत्ति का एक हिस्सा होती है ।
इस प्रावधान का उल्लंघन होने पर दोषी बैंक पर दण्ड शास्ति किया जाता है । जिस दिन बैंक के पास तरल सम्पतियां निर्धारित प्रतिशत से कम होती है उस दिन बैंक को कम रही राशि की पूर्ति, मुद्रा मांग बाजार(Call Money Market) से राशि उधार लेकर करनी होती है ।
मुद्रा मांग बाजार, वह स्थान है जहां पर बैंक 1 से 14 दिनों की अवधि के लिए आपस में राशि उधार देते/लेते है । उधार दी गयी राशि पर उधारकर्ता बैंक द्वारा ब्याज वसूला जाता है । भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा दिनांक 04 अक्टूबर, 2019 से ब्याज की दर 3.70 से 5.30 प्रतिशत के बीच निर्धारित की गयी है । यानी उधार देने वाला बैंक उक्त ब्याज श्रेणी के बीच, अपनी दर निर्धारित करने को स्वतंत्र है ।
अब आते है मूल प्रश्न पर कि यदि कोई व्यक्ति आज एक लाख रूपये जमा कराता है और दूसरे दिन निकाल कर ले जाता है तो बैंक को क्या फायदा…. ॽ
निश्चित रूप से एक दिन के लिए जमा करायी गयी राशि को दीर्घ/लघु ऋण के रूप में उधार नहीं दिया जा सकता परन्तु प्राप्त राशि, उस एक दिन के लिए बैंक की तरल सम्पत्ति का हिस्सा बनती है । मान लिजिये कि यदि उस दिन एक लाख की राशि जमा के रूप में प्राप्त नहीं होती तो बैंक की कुल तरल सम्पति का प्रतिशत एक लाख रूपये से कम होता । ऐसे में बैंक को अपने तरलता प्रतिशत को बनाये रखने के लिए मुद्रा मांग बाजार से 3.70 से 5.30 प्रतिशत ब्याज दर पर राशि उधार लेनी पड़ती । एक लाख की जमा प्राप्त हो जाने से बैंक को ऐसा नहीं करना पड़ा और इससे मुद्रा मांग बाजार में भुगतान किये जाने वाले ब्याज को बचा लिया गया यानी बैंक को लाभ हुआ ।
दूसरी स्थिति कि एक लाख की जमा प्राप्त होने से पहले ही बैंक ने अपने तरला प्रतिशत को पूरा कर लिया था । यानी की उस दिन बैंक के पास एक लाख रूपये के अतिरिक्त कोष उपलब्ध है और मुद्रा मांग बाजार में किसी दूसरे बैंक, जिसके पास, अपने तरलता अनुपात को बनाये रखने के लिए रू एक लाख से कोषों की कमी है, को उधार देकर ब्याज कमायेगा ।
कभी कभी ऐसा भी होता है कि सभी बैंकों के पास अतिरिक्त कोष उपलब्ध होता है । ऐसे में उधार देकर ब्याज नहीं कमाया जा सकता तो भी बैंक को ऐसे लेनदेनों से सामान्यत: कोई घाटा नहीं होता क्योंकि एकाध दिन के लिए बड़ी राशि, अधिकांशत: चालू खातों में जमा होती है और चालू खाता में जमा राशि पर कोई ब्याज नहीं दिया जाता ।
एक क्षण के लिए यह मान ले कि एक दिन के लिए राशि बचत खाते में जमा की गयी है तो ऐसी स्थिति में बैंक द्वारा खाताधारक को एक दिन का ब्याज का भुगतान किया जायेगा लेकिन उसे कोई आय प्राप्त नहीं होगी ।
इस प्रकार के मामले बहुत कम होते है और इस प्रकार भुगतान की गयी राशि बैंक के व्यवसायिक लागत का एक हिस्सा मानी जाती है । लगभग समस्त व्यवसायों में ऐसे लेनदेन होते है जिस पर प्रत्यक्ष रूप से कोई लाभ प्राप्त नहीं होता लेकिन ऐसे लेनदेन संस्था को दीर्घकालान में अतिरिक्त व्यवसाय प्राप्तकरने की दृष्टि से फायदेमंद होते है ।
प्रश्न में उल्लेखित ग्राहक जब लगातार दो दिन बैंक के साथ लेनदेन करता है तो सम्भव है कि वह-
1. बैंक की ग्राहक सेवा से प्रभावित हो जाये,
2. उसे बैंक की नवीन योजनाओं की जानकारी होगी ।