मौत को मुठी में लेकर घूमते हैं इस शहर के लोग,ऐसा है इस शहर का इतिहास

एक समय मे मोटसमोर को विश्व का सबसे खतरनाक अनुउर्जा प्लांट नाम दिया गया था । क्योंकि ये भूकंप में सवेदनशील विस्तार में बनाया गया था । क्योंकि ये अर्मेनिया की राजधानी येरेमान से सिर्फ 35 किलोमीटर दूर है । यहाँ से तुर्की की शरहद के उसपार बर्फ से ढंके माउंट अरारत की जलक देखी जा सकती हैं ।

इस परमाणु ऊर्जा प्लांट का को 1970 में बनाया गया था । इस परमाणु ऊर्जा प्लान का निर्माण चेर्नोबिल के साथ 1970 किया गया था । उन दिनों मेट्समोर रिएक्टर विसाल सोवियत संधनी की उर्जा पूरी होती थी । सोवियत संध ने 2000 में अपनी 60% विज ऊर्जा बनाने का टारगेट रखा था लेकिन 1988 में सब बदल गया ।

6.8 के एक भूकंप सब बदल के रख दिया । अर्मेनिया में इस भूकंप ने विनाश कर दिया । इस भूकंप 25000 से ज्यादा लोगो की मौत हुई थी । सुरक्षा के लिए विज प्लांट को बंध करना पड़ा था । मोटर्स रिएक्टर में काम करने वाले ज्यादातर यूक्रेन,पोलेंड और रशिया में घर चले गए थे । 30 साल बाद भी मोट्समेर प्लांट और उसका भविष्य चर्चा में हैं । यहाँ का एक रिएक्टर 1995 फिर शुरू हुआ था । जिससे अर्मेनिया की 40% विज की जरूरियात पूरी हुई थीं । लोग कहते है कि यह परमाणु रिएक्टर खरनाक हैं । क्योंकि ये जहाँ बनाया गया हैं वहाँ आज भी भौगोलिक हलचल होती हैं ।

मोट्समेर शहर का नाम भी परमाणु रिएक्टर के नाम पर से रखा गया हैं सोवियत यूनियन के इस शहर को एक मोडल सिटी के तौर पे बनाया गया था । इसे एतमोग्राट कहा जाता था । बाल्टिक से लेके कजाकिस्तान तक समग्र सोवियत संघ के प्रशिक्षण कामदारों को यहाँ लाया गया था । यहाँ 36 हजार लोगों स्थायी करने की योजना थी ।

उनके कृत्रिम तालाब,रमगमती सुविधाओं को एक सांस्कृतिक केंद्र बनाया गया था । शुरुआत में यहाँ की दुकानों में माल भरा रहता था । उन दोनों में भी येरेवान में चर्चा थी कि मोट्समेर शहर श्रेष्ठ हैं भूकंप आने के बाद बांधकाम को रोकना पड़ा । तालाब खाली कर दिए गए ।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *