मालगाड़ी भी होगी प्राइवेट, रेलवे मालगाड़ी का भी प्राइवेटाइजेशन करेगी
अंग्रेजों के जमाने से भारत में चलने वाली ट्रेन अब रेलवे मंत्रालय के अंतर्गत चलाई जा रही है। भारत सरकार ने उस दिन पहले ही सैकड़ों के हिसाब से यात्रा करने वाली ट्रेनों को प्राइवेटाइजेशन की श्रेणी में रखा था और वही 16 स्टेशन भी प्राइवेट करने की जा रही है। मीडिया के हवाले से बाहर आई थी सूत्रों के मुताबिक यहां बाहर आ रहा है कि मालगाड़ी का भी प्राइवेटाइजेशन प्रारंभ हो गया है अर्थात मालगाड़ी भी प्राइवेट कंपनियों द्वारा ऑपरेट की जाएंगी।
भारत सरकार द्वारा संचालित रेलवे मंत्रालय ही मालगाड़ी की सहायता से सरकारी माल या प्राइवेट माल को एक स्थान से दूसरे स्थान से ले जाता था। जिससे धन राशि की कमाई भी होती थी। कॉरिडोर बनने के बाद भारत सरकार ने रेल मंत्रालय को मालगाड़ी को प्राइवेटाइजेशन करने के निर्देश दिए हैं। रेल मंत्रालय की कमी को लेकर बहुत ही सचेत है इसीलिए ट्राफिक को कम करने के लिए वह मालगाड़ी को प्राइवेट करने जा रही है। रेलवे मंत्रालय ने कहा कि आप पूर्ण रुप से प्राइवेट नहीं होगी रेलवे मंत्रालय का भी कंट्रोल इसके ऊपर होगा।
ऐसा प्रतीत होता है कि केंद्र सरकार वर्क लोड को कम करने के लिए रेल मंत्रालय को प्राइवेटाइज कर रही है परंतु आगे आने वाले परिणाम समय के साथ सामने आ जाएंगे। प्राइवेट प्राइवेटाइजेशन के साथ ही सरकारी नौकरियों के अवसर भी कम हो जाएंगे क्योंकि रेलवे द्वारा प्रत्येक वर्ष अनेक संख्याओं की भंडारण में नौकरियां निकाली जाती थी।
जिसकी सहायता से भारत के युवाओं की सरकारी नौकरी के अवसर भी प्राप्त होते थे परंतु प्राइवेटाइजेशन की वजह से यह नौकरियां भी खतरे में आ गई है। रेलवे दद्वारा चलाई जाने वाली डाक सेवा को भी बंद करने के निर्देश आये थे।