मां पार्वती ने भगवान शिव को पाने किया था हरतालिका तीज का व्रत, मिला था अखंड सुहाग का वरदान

आज हरतालिता तीज का त्योहार मनाया जा रहा है। इस दिन
सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी आयु और सुख-समृद्धि के
लिए व्रत रखती हैं।

कई जगह ये व्रत कुआरी कन्याएं भी रखती हैं।
हरतालिका तीज को तीजा भी कहते हैं। ये त्योहार खासतौर से उत्तर
प्रदेश के पूर्वांचल और बिहार में मनाया जाता है। हरतालिका तीज व्रत
निराहार और निर्जला किया जाता है।

इस व्रत के नियम बहुत कठिन
माने जाते हैं। पुराणों के अनुसार इस व्रत को सबसे पहले माता पार्वती
ने भगवान शंकर को पति के रूप में पाने के लिए किया था। इसी दिन
पार्वती जी ने व्रत रखकर शिव जी को प्राप्त किया था। इसलिए इस
दिन शिव पार्वती की पूजा का विशेष विधान है।

जो कुंवारी कन्याएं
अच्छा पति चाहती हैं या जल्दी शादी की कामना करती हैं उन्हें भी
आज के दिन व्रत रखना चाहिए। इससे उनके शीघ्र विवाह का योग
बनता है। हरतालिका तीज का व्रत बहुत नियमों के साथ किया जाता
है। इस दिन जल ग्रहण नहीं किया जाता है।

अगले दिन सुबह पूजा
करने के बाद जल ग्रहण करने का विधान है। एक बार हरतालिका
तीज व्रत करने के बाद इसे बीच में छोड़ा नहीं जाता है। हर साल इस
व्रत को पूरे विधि-विधान से करना चाहिए। हरतालिका तीज व्रत के
दिन महिलाएं रात भर जाग कर भजन किर्तन करती हैं। इस दिन रात
में सोना शुभ नहीं माना जाता है।

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