महाभारत में कर्ण के विषय में कुछ अनसुनी बातें क्या हैं?
1-करण जरूर कृष्ण भगवान का सम्मान करते थे पर उनको भगवान नहीं मानता था और दुर्योधन भी।
2- कर्ण महाभारत में सिर्फ एक ऐसे योद्धा थे जिन पर 20 महारथियों और उनकी सेना ने मिलकर कर्ण पर हमला किया था परंतु कर्ण ने इन सबको मार मार के पीछे ढकेल दिया उन महारथियों में अर्जुन भीम नकुल सहदेव धृष्टद्युम्न पांचाल और उसकी सेना और उपपाडव शामिल थे।
3- कर्ण के कवच कुंडल के कारण कर्ण कभी भी युद्ध में थकते नहीं थे और हमेशा युवा दिखते थे मृत्यु के बाद भी।
4-करण के कवच से ज्यादा शक्तिशाली कुंडल की जोड़ी थी कवच को शक्ति इन कुंडल के कारण मिलती थी।
5- भगवान कृष्ण के आदेश पर पांडव पक्ष के योद्धा और सैनिक हमेशा कर्ण पर झुण्ड में आक्रमण करते थे।
6- अश्वत्थामा कर्ण से नफ़रत करते थे क्योंकि कर्ण ने कई बार गुरु दोण से बहस की थी।
7-करण ने परशुराम जी को वचन दिया था कि उनके सिखाये बहास्त्र को एक श्रत्रिय पर ही प्रयोग करेगा।
8- कर्ण महाभारत युद्ध में अपराजेय योद्धा की श्रेणी में आते थे पर उस श्रेणी से भीष्म पितामह जी ने कर्ण का नाम हटा दिया था और उसे अर्धरथी की श्रेणी में रखा।
9-करण ने अपना जीवन का कुछ ही समय अधिरथ और राधा के साथ बिताया था बाकी जीवन दुर्योधन और अंग राज्य में बिताते थे ।
10- हस्तिनापुर की आधी प्रजा दुर्योधन के साथ मित्रता के कारण कर्ण से नफ़रत करती थी।
11- कर्ण अर्जुन युद्ध की प्रतिक्षा सिर्फ हस्तिनापुर को ही नहीं अपितु स्वर्ग के देवताओं को भी थी तभी अन्तिम युद्ध में सभी देवता कर्ण अर्जुन का युद्ध देख रहे थे।
12- कर्ण के रथ का पहिया भूमि में धंसने पर कर्ण का सारथी मामा शल्य रथ को छोड़कर भाग गया तब कर्ण को खुद ही रथ का पहिया ठीक करने के लिए उतरना पड़ा।
13- कर्ण पुत्र वृषसेन और दुर्योधन के पुत्र लक्ष्मण में भी कर्ण दुर्योधन की तरह घनिष्ठ मित्रता थी।
14- कर्ण को युद्ध में कई बार ऐसा मौका आया कि अर्जुन का वध कर सकते थे पर युद्ध नियम के कारण ऐसा नहीं किया।
15- कुंती ने कर्ण से वचन लिया की कर्ण कभी नागास्त्र का प्रयोग दोबारा न करें।