महाभारत काल में ‘सूत’ किसे कहते थे? जानिए

ब्राह्मण कन्या केवल ब्राह्मण को ही वरण कर सकती थी जब ब्राह्मण कन्या किसी क्षत्रिय का वरण करती थी तो उनकी संतति सूत कहलाती थी। सूत जाति क्षत्रिय जाति से तो नीची किन्तु वैस्य जाति से उची जाति कहलाती थी, दुर्योधन ने तो सूत जाति को क्षत्रबंधु कहा था।

सूत जाति प्रतिलोम जातियों में एक ऐसी जाति थी जो की द्विज कहलाती थी तथा ये सारथि का कर्म भी किया करते थे इसी जाति के अनेक लोग योद्धा भी हुए थे।

क्षत्रियो के सूत जाति के लोगो के साथ वैवाहिक सम्बन्ध रहे थे कैकय राज जो की एक सूतो के अधिपति थे उनकी माता क्षत्रिय थी तथा कीचक की बहन सुदेष्णा का विवाह विराट राजा से हुआ था।

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