मरियाना ट्रेंच पर मछली क्यों नहीं पाई जाती है?

मारियाना ट्रेंच में रहने वाली नई मछली प्रजातियों का सीटी स्कैन हरे रंग में मछली के अंतिम भोजन का भी पता चलता है।तस्वीर © एडम समर / वाशिंगटन विश्वविद्यालय)

मारियाना ट्रेंच पैसिफिक महासागर के एक हिस्से पर इतना गहरा, गहरा और ठंडा रहता है कि उसका नाम – “हैडल ज़ोन” -( नेशनल ओशनिक एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन) के अनुसार, “हेड्स” ग्रीक अंडरवर्ल्ड से लिया गया था। इस क्षेत्र में ज्यादातर समुद्री खाइयाँ हैं और लगभग ६००० से ११००० मीटर की गहराई तक फैली हुई हैं।

मारियाना ट्रेंच के नीचे रहने पर ऐसा महसूस होता है कि ५० जंबो जेट्स आपके ऊपर ढेर हो गए। हमारे ग्रह की पानी की गहराई के सर्वेक्षण से पता चलता है कि इन उच्च दबावों पर भी जीवसृष्टी है। लेकिनऐसा लगता है,मछली नहीं।

शार्क, ईल, रॉक कॉड, और अन्य मछलियाँ महासागरों की खाइयों ८४०० ११००० मीटर से अनुपस्थित हैं। कुछ घोंघे और क्यूस्क-ईल्स ६००० मीटर से नीचे पाए गए हैं, और हालही में स्नेलफिश ६५०० से ७५०० गहरायी तक रहते है ये पत्ता चला है। लेकिन मछली की जीवन के लिए स्पष्ट सीमा लगभग ८००० मीटर से अधिक नहीं है। उसके नीचे बहुत कम देखा जा सकता है। यह सीमा भोजन, ऑक्सीजन, लवणता, तापमान या शिकार के लिए ठीक नहीं हैं । इसलिए मारियाना ट्रेंच के गहरे पानीमें मछली नहीं पायी जाती।

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