मंजू की कहानी अनोखी कहानी
मंजू एक अनाथ लड़की थी मंजू अपने माता-पिता के इकलौते बेटे थी। मंजू के माता पिता मंजू से बहुत प्यार करते थे। जो बचपन में अपने मां बाप से बिछड़ गए थी। मंजू के माता पिता मंजू के की हाथ पर तीनों के हाथ पर एकही चित्र था। मंजू के माता पिता बचपन में मंजू के हाथ पर एक चित्र बना दिए थे विशाल जिससे मंजू देखकर रो रही थी।
कुछ देर के बाद एक शंभू नाम का व्यक्ति आया और मंजू से उनके घर उनके पिता के नाम पूछने लगे लेकिन मंजू गूंगा थी। मंजू को जब उनके माता-पिता को याद आती थी। तब मंजू वह चित्र देखकर बहुत रोती थी। गूंगा होने के करण जिसकी वजह से नहीं बोल सकती थी। और मंजू के घर याद नहीं था।
शंभू उस लड़की को अपने घर ले गया और अपने बेटी के जैसा उसे पालने लगा। जब मंजू 19 वर्ष के हुई तो शंभू मंजू के शादी करने के लिए वह लड़का देखने लगा। मंजू के शादी धूमधाम से कर दे शंभू मंजू के शादी में कोई भी चीज का कमी नहीं किया था। लड़का मंजू से बहुत प्यार करता था। मंजू भी उस लड़के से बहुत प्यार करने लागी। 1 दिन का बात है। जब मंजू मार्केट करने के लिए गए थी।
तब उसी मार्केट में मंजू के माता पिता दोनों आए थे लेकिन मंजू उन दोनों को नहीं पहचान पाए मंजू के माता पिता मंजू के याद में रोते रोते पागल हो गया थे। मंजू जब अपने बैग से पैसा निकाल कर उस पागल को दे रहे थी तभी उसके हाथ पर चित्र देखकर उनके माता-पिता समझ गए कि मेरे ही बेटी है। मंजू को गले पकड़ कर रोने लगे और वह भी अपने हाथ के चित्र देखा कर मंजू भी उन लोगों को देख कर रोने लगी। अब वह दोनों दोने बहुत खुश हैं।