जादुई पंक्षियों की पढ़े दिलचस्प कहानी
एक गाँव में रामय्या नाम का एक आदमी रहता था।रामय्या का एक लड़का निरंजन था,जिसकी मदत से रामय्या जड़ीबुटी का धंदा करता था।उस गाँव का राजा रविन्द्र वर्मा बोहत ही घमंडी था।रविन्द्र वर्मा पुरे गाँव में गलत तरीके से शासन चलता था।एक दिन निरंजन के पिताजी को दिल का दौरा पड़ा और वो मर गये।
उसके बाद सारी जिम्मेदारी निरंजन पर आगयी।अब निरंजन अपने पिता की तरह जड़ीबूटी बेचने लगा और लोगो की सेवा करने लगा।एक दिन राजदरबार में राजकुमारी की बोहत तबियत ख़राब हो गयी तब राजा ने बोहत सारे डॉक्टर को बुलाया पर राजकुमारी की तबियत नहीं सुधरी।उसके बाद राजा ने जड़ीबूटी बेचने वाले निरंजन को आमंत्रित किया।
निरंजन ने राजकुमारी की तबियत देखकर कहा की अब राजकुमारी को जड़ीबूटी की आवश्यकता है पर वह कहाँ मिलती है ये उसे भी नहीं पता है।तब राजा ने निरंजन से कहा की अगर तुम जड़ीबूटी लाते हो तो मैं राजकुमारी की शादी तुमसे कर दूंगा पर नहीं लाते हो तो मैं तुम्हे फाँसी की सजा दूंगा।निरंजन राजा की ये बात सुनकर बोहत दु:खी हो गया और अपने घर जाने लगा।जाते-जाते निरंजन को रास्ते पर एक पंक्षी जाल में फड़फड़ाता दिखा तब निरंजन ने उसकी जान बचा ली।
वह पंक्षी बोहत खुस हुवा और निरंजन को कुछ माँगने को कहा।निरंजन ने अपना हाल उस पंक्षी को बताया तब पंक्षी उससे कहने लगी की वह एक जादुई पंक्षी है और वह उसे अब जड़ीबूटी वाले दुनिया में लेकर जायेंगी।तब उस पंक्षी ने अपने साथीदारो को आवाज दी।उन सभी पंक्षियो ने निरंजन को रस्सी से बांधकर अपने साथ उड़ने लगे।
निरंजन वहाँ पहुँचने के बाद उसने तुरंत उस जड़ीबूटी को देख लिया और वापस उन्ही पंक्षियों की मदत से उसी जगह पर आगया।बादमे निरंजन उस जड़ीबूटी को पकड़कर राजमहल में गया।राजमहल की सभी सेना उसे जड़ीबूटी लाते देख हैरान हो गयी।
निरंजन ने जैसे ही वह जड़ीबूटी राजकुमारी को दी तब तुरंत राजकुमारी ठीक हो गयी।राजा रविन्द्र वर्मा ने निरंजन की शादी राजकुमारी के साथ कर दी तब निरंजन राजमहल में और अच्छेसे शासन चलाने लगा।