भारत सरकार गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य पर मेहमानों को निमंत्रण देती है किंतु स्वतंत्रता दिवस पर नहीं देती। ऐसा क्यों? जानिए
गणतंत्र या गणराज्य का शाब्दिक अर्थ होता हैं “ऐसा राष्ट्र जिसकी सत्ता जनसधारण में समाहित हो”।
गणराज्य की परिभाषा का विशेष रूप से सन्दर्भ सरकार के एक ऐसे रूप से हैं जिसमें व्यक्ति नागरिक निकाय का प्रतिनिधित्व करते हैं और किसी संविधान के तहत विधि के नियम के अनुसार शक्ति का प्रयोग करते हैं और जिसमें निर्वाचित राज्य के प्रमुख के साथ शक्तियों का पृथ्थकरण शामिल होता हैं,व जिस राज्य का संदर्भ संवैधानिक गणराज्य या प्रतिनिधि लोकतंत्र से हैं।
चूंकि गणतंत्र दिवस पर शक्ति का पृथ्थकरण भी शामिल होता हैं इस कारण भारत अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करवाने हेतु गणतंत्र दिवस पर,राष्ट्रपति की अगुवाई में विभिन्न देशों/देश के प्रतिनिधि/प्रतिनिधियों को आमंत्रित करता हैं।
इसके अतिरिक्त गणतंत्र दिवस को अग्रणी शक्तिशाली भविष्य के रूप में देखा जाता हैं और मान और अभिमान के आधार पर रखा जाता हैं। और अनेकों रंगों के साथ रंगा जाता हैं।
वहीं स्वंत्रता दिवस राष्ट्र के बीते हुए कल को,सरलता द्वारा दर्शाता हैं जिसकी अगुवाई प्रधानमंत्री करते हैं और इस दिवस के लिए शक्तिप्रदर्शन के स्थान पर आंतरिक एवं बाहरी प्रसन्नता को,राष्ट्र के नाम बतलाया जाता हैं।