भारत मे प्रयाग कुंभ मेले का सामाजिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व क्या है? जानिए
बड़े-बड़े साधू संतों के आवागमन से जहां लाखों लोगों को उनके दर्शनों का सौभाग्य मिलता है वहीं समाज में अपने धर्म के प्रति समर्पण से लेकर सम्मान तक व सेवा से लेकर गरीमा तक जाग्रति तो उतपन्न होती ही है साथ साथ अपने विचारों व कर्तव्य और दायित्व तक का भान भी होता है ,के साथ साथ महान महात्माओं द्वारा भी विभिन्न स्रोतों से लेकर साक्षात भी बहुत सारे लोगों के कष्टों का निवारण कर दिया जाता है और इतने बड़े मेले के चलते अनगिनत लोगों का जहां मनोरंजन खूब होता है वहीं दूसरी तरफ ज्ञान के साथ साथ आर्थिक विकास या आमन्दनी भी खूब हुआ करती है वगैरह वगैरह वगैरह ।
इस महान मेले में तरह तरह के व अलग अलग क्षेत्रों के अनेकों सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं जिन के कारण दूर दूर या विदेशियों तक संसकृति का प्रचार व प्रसार हुआ करता है वगैरह वगैरह वगैरह ।
ये हजारों वर्षों पहले हुए देवासुर्सन्ग्राम से प्राप्त अमृत कलश से चला आ रहा एक ऐसा पावन मेला है जहां अमृत कलश से छलकी बूंदों का समावेश है जो भारत के अलावा समस्त भूमंडल पर और कहीं नहीं है । यहां विदेशों से भी बड़ी संख्या में लोग आया करते हैं वगैरह वगैरह वगैरह ।