भारत में होने वाले किन घोटालों और स्कैम के बारे में जनता नहीं जानती है? जानिए
एक लड़का अपने सेमेस्टर के एग्जाम देकर घर जा रहा था। मौके पर घर की सीधी टिकट न मिलने के कारण उसे एक ट्रैन बदलना जरुरी था।
निर्धारित समय पर लड़का ट्रैन के स्लीपर डिब्बे में घुसा और अपनी सीट पर बैठा। पास में ही एक लड़की बड़े-बड़े बैग लिए पूरी सीट पर धौंस जमाये बैठी थी। एक परिवार डिब्बे में आया और उन्होंने लड़की से बुक की गई सीट छोड़ने को कहा।
लड़की ने बहाना मारा कि उसकी टिकट वेटिंग में थी और इस लिए वह वहां बैठी थी। फिर परिवार ने उससे कहा कि “ठीक है, लेकिन अपने ये बैग हटाइये ताकि हम बैठ सकें।” ढीठ लड़की ने कहा कि वह दो बैग नीच रख देगी लेकिन तीसरा बैग कीमती है इसलिए ऊपर ही रखना चाहती है। परिवार ने तरस खाकर लड़की की बात मान ली।
परिवार किसी रिश्तेदार की शादी पर जा रहा था। कुछ समय बाद लड़की दूसरे डिब्बे में चली गई, लेकिन वह बार-बार डिब्बे बदल रही थी। रात 10 बजे तक सब भोजन करके लेट गए। लड़का अपने मित्र के साथ लैपटॉप पर फिल्म देखने लगा। इस समय सब लाइटें बंद हो गई।
इस समय लड़की वापिस इस डिब्बे में आई और एक नजर मारकर वापिस चली गई। लड़के को लगा शायद लड़की अपना सामान देख रही थी। लड़का अपनी सीट पर गया और पानी की बोतल लेकर वापिस मित्र के पास आया। अब तक सब सो रहे थे।
लगभग सुबह 1:50 बजे एक विशेष स्टेशन पर ट्रैन रुकी। लड़के ने मित्र को शुभ रात्रि बोला और सोने चला गया। लेकिन लड़की अब भी अकेली जाग रही थी। 3 घंटों बाद अचानक शोर मचा और लड़का जाग उठा। रिश्तेदार की शादी पर जाने वाले परिवार के दो बैग गायब थे।
लड़की बैग लेकर रफूचक्कर हो गई थी। वह अलग-अलग डिब्बों में अलग -अलग कहानी बताकर लोगों के सामान को स्कैन कर रही थी।
चोरनी ने अपने बैग अलग-अलग डिब्बों में रखे, ताकि “अपने सामान को देखने” के बहाने से वापिस उन डिब्बों में जाया जा सके। इसी तरह वह लड़की डिब्बे से वो सामान ले उड़ी जो उसे सबसे ज्यादा कीमती लगा। टीटी को शिकायत की गई लेकिन जो लोग यात्रियों का ध्यान नहीं रख सकते वो कहाँ जायेंगे चोरनी को ढूंढने।