भारत में होटलों से ज़्यादा ढाबे क्यों लोकप्रिय हैं?

भारत के अधिकांश लोग लक्जरी होटलों में परोसे जाने वाले फैंसी खाने की बजाय असली खाना खाना पसंद करते हैं।

इसके अलावा, ढाबा और होटलों के रेट कार्ड में बहुत अंतर है।

यद्यपि सभी ढाबे ज्यादा साफ सुथरे नहीं है, लेकिन प्रत्येक शहर में कुछ स्थान हैं जो प्रसिद्ध हैं और साथ ही अच्छी गुणवत्ता का भोजन, एक बेहतर प्रदान करते हैं।

ढाबा और होटलों की डिश अलग है, आप एक समय में एक बार लक्जरी जगह पर भोजन कर सकते हैं, लेकिन आप ढाबा की यात्रा पर जा सकते हैं।

1 – ढाबे में जैसे चाहे वैसे बैठे कोई बुरा नही मानता, होटल में सब एक दूसरे को देख रहे होते है ।

2- होटल में ac room के चार्ज अलग और नार्मल के अलग जो काफी अंतर होता है । ढाबे पर ऐसा कोई लोचा नही होता

3- ढाबे पर आप चाहे छत के नीचे बैठे चाहे खुले आसमान के नीचे बैठना पसंद करें , होटल में आप हमेशा एक ऐसी जगह बैठेंगे जहाँ पर अक्सर कम जगह होती है एक दूसरे को चिपकर टेबल लगी होती है

4- ढाबे पर आप के जोर से बात करने हंसी मजाक को कोई बुरा नही मानेगा पर होटेल आप को सब घूरने लगेंगे।

5- मेनुकार्ड और रेट चार्ट में बहुत ज्यादा फर्क होता है।

6- ढाबे में अक्सर ओपन किचन होता है जबकि होटल में नही होता

7- ढाबे में आप अपने पसंद के अनुशार खाना बनवा सकते है जबकि सभी होटलों में ये सविधा नही होती

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *