भारत में घूमने के लिए सबसे प्रसिद्ध गुरुद्वारा कौन सा है? जानिए
सिख धर्म में पांच गुरुद्वारों को पांच तख्तों के नाम से मशहूरी हासिल है. इन्हें हम पांच सर्वोच्च धार्मिक पीठ भी मान सकते हैं. आइए संक्षेप में इन पांचों गुरुद्वारों के बारे में जानते हैं.
1. अकाल तख्त साहिब,अमृतसर,पंजाब : स्वर्ण मंदिर या श्री हरमंदिर साहिब के सामने ,उसी प्रांगण में स्थित यह स्थान , एक तरह से सिखों की सर्वोच्च धार्मिक पीठ है. भारत सहित पूरी दुनिया से पर्यटक और श्रद्धालु यहां अपनी हाजिरी दर्ज करवाते हैं.
2. तख़्त श्री पटना साहिब, पटना,बिहार : सिखों के दसवें गुरु जी गुरु गोविंद सिंह जी की जन्मस्थली.
3. तख़्त श्री केशगढ़ साहिब,आनंदपुर ,पंजाब : ईसवी सन 1699 को यहीं पर श्री गुरु गोविंद साहिब जी ने खालसा की स्थापना की. अपने पंच प्यारे चुने और सिखों को अनिवार्य ‘पांच ककार’ दिए.
4. तख़्त श्री दमदमा साहिब,भटिंडा,पंजाब : पंजाब के भटिंडा जिले के तलवंडी साबो नामक गांव के पास स्थित यह गुरुद्वारा दशम गुरु के एक वर्षीय प्रवास के कारण प्रसिद्ध है. यहां सन 1705 ईसवी में दशमेश ने श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के अंतिम संस्करण को अंतिम रूप दिया था.
5. तख़्त श्री हज़ूर साहिब या सचखंड साहिब ,नांदेड़, महाराष्ट्र : दक्षिण की गंगा गोदावरी नदी के तट पर स्थित यह मशहूर और बेहद खुबसूरत गुरुद्वारा दशम गुरु श्री गुरु गोविंद सिंह जी की शहादत स्थली नांदेड़ में निर्मित है.
सिखों के दस गुरुओं में प्रथम गुरु नानक देव जी के साथ , छठे गुरु श्री गुरु हरगोविंद सिंह जी, नवम गुरु तेग बहादुर जी, और दसवें गुरु श्री गोविंद सिंह जी ने खुद को केवल पंजाब तक सीमित नहीं रखा बल्कि देश के सुदूरवर्तीऔर कई सीमान्त इलाकों में भ्रमण करके अपने दर्शन और विचारों को पहुंचाया. यही वजह है कि देश के कई राज्यों में अनेक अनेक ऐतिहासिक गुरुद्वारे स्थापित हैं. इन राज्यों में भारत और पाकिस्तान में पड़ने वाले पंजाब के अलावा हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और आसाम इत्यादि राज्य सम्मिलित है.