भगवान राम के पास भगवान कृष्ण का सुदर्शन चक्र क्यों नहीं था?

पृथ्वी का एक नाम मृत्यु लोक भी है यहाँ जिसका जन्म होता है मृत्यु अवश्य होती है एक काल में एक तरफ़ रक्ष संस्कृति थी जिसमें धन हरण,स्त्री हरण, हत्या,दूसरे मत की उपेक्षा आम थी

दूसरी तरफ़ आर्य देव संस्कृति जिसमें हर जीव को अच्छे प्रकार से जीने का अधिकार है राक्षस संसकृति को मानने वाले अपने प्रायोजन के लिये अपनें इष्ट का तप करते थे वरदान लेकर संसार में भीषणआतंक मचाते थे

इसमें एक काल में रावण का राज्य था तपस्या में वर मिले थे मानव,वानर को छोड़कर किसी के द्वारा मृत्यु नही हो

उसनें मानव समुदाय के साथ अन्य जीवों पर भीषण अत्याचार किये

वरदान के अनुसार मानव के रूप में अवतार हुआ रामजी का

उन्हें सारे कार्य मानव अनुसार करनें पड़े मानव रूप में विश्वामित्र जी

ने दिव्यास्त्रों को प्रदान किया मानव रूप में ही रावण को मय राक्षसों

को मारा इसलिये सुदर्शन चक्र धारण नहीं कर सकते थे

कृष्ण जी के साथ कोई बंदिश नहीं थी देवकी के आठवें पुत्र के रूप में कंस को मारनें के साथ अत्याचार मिटाना था इसलिये वक़्त पर

सुदर्शन चक्र भी धारण किया था

वरदान देनें बाले मृत्यु का कोई कारण छोड़देते थे कारण मृत्यु लोक

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