बुद्ध मार्केश दशा क्या होती है एवं उसका क्या उपाय है? जानिए
ज्योतिष में किसी एक या एक से ज्यादा ग्रहों को मारक ग्रहों की संज्ञा दी जाती है। इसके कुछ नियम है जैसे दूसरे अथवा सातवे भाव के स्वामी, दूसरे या सातवे में स्थित ग्रह, आदि। अर्थात बहुत से ग्रहों को एकसाथ भी मारक संज्ञा दी जा सकती है। मैंने ऐसी भी कुंडली देखी है जहां सभी ग्रह मारक बन गए है।
जब भी इन मारक ग्रहों की दशा अंतर्दशा आती है उसे मार्केश की दशा कहा जाता है। आपकी कुंडली में शायद बुध ग्रह मारक ग्रह रहा होगा।
सभी मारक ग्रह आपको अष्टमृत्यू देंगे जरूरी नहीं। इसके लिए भी पाराशर ऋषि ने कुछ नियम दिए है। कब मारक ग्रह योग कारक बनता है, कब मारक, और कब सामान्य। इसमें संबंधी सहधर्मी ग्रहों, ग्रहों के बलाबल आदिंकी भूमिका है। ऐसे में बिना जाने सत्रह वर्षों की इस बुध दशा से क्या डरना और क्या ही इसके उपाय पूछना । ज्यादा परेशानी हो तो किसी ज्योतिष से विश्लेषण करवाएं, ऐसे ही कोई उपाय नहीं करे।