बम्बई शहर किसे दहेज में दिया गया था? और किसने दिया था?

1626 में पहली बार अंग्रेजों ने मुंबई की तरफ रुख किया. हालांकि, पुर्तगालियों के साथ 1612 में भी अंग्रेजों ने जंग लड़ी थी, लेकिन मुंबई काफी हद तक सुरक्षित था. तब अंग्रेजों और पुर्तगालियों के बीच जंग चल रही थी और अंग्रेजों ने ये सुना था कि बॉम्बे नाम की जगह पर पुर्तगाली अपने जहाजों की मरम्मत करते हैं.

अंग्रेजों ने हमला किया और पुर्तागिलों के दो नए जहाज जला दिए लेकिन फिर भी कई जहाज नहीं मिले और अंग्रेजी सैनिकों ने वहां की बिल्डिंगों में आग लगा दी. फिर भी वो खाली हाथ ही वापस गए.

आखिर अंग्रेज किसी बाहरी तौर पर बॉम्बे पर कब्जा नहीं कर पाए, लेकिन उन्हें बॉम्बे बड़ी आसानी से मिल गया. बॉम्बे पर अंग्रेजों की नजरें बहुत पहले से थीं, लेकिन वो किसी भी हाल में उसे ले नहीं पाए, लेकिन 1652 में सूरत काउंसिल ऑफ ब्रिटिश अम्पायर ने अंग्रेजों से कहा कि वो बॉम्बे को पुर्तगाल से खरीद लें.

बहुत कुछ हुआ उस दौर में, लेकिन महज 9 सालों के अंदर ब्रिटेन के चार्ल्स II की शादी पुर्तगाल के राजा की बेटी कैथरीन से हो गई. 11 मई 1661 को बॉम्बे के 7 द्वीप ब्रिटेन को दहेज में दे दिए गए.

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