प्लूटो को एक ग्रह के रूप में क्यों स्वीकार नहीं किया जाता है?

प्लूटो को 24 अगस्त 2006 को ग्रहों की श्रेणी से बाहर किया गया था। इसके लिए प्राग में करीब ढाई हजार खगोलविद इकठ्ठे हुए और इस विषय पर उनका मतदान भी हुआ। अंतरराष्ट्रीय खगोलीय संघ की इस मीटिंग में सभी के बहुमत से इस पर सहमति बनी और सौरमंडल के ग्रहों शामिल होने के लिए उन्होंने तीन मानक तय किए हैं।


1. यह सूर्य की परिक्रमा करता हो।
2. यह इतना बड़ा ज़रूर हो कि अपने गुरुत्व बल के कारण इसका आकार लगभग गोलाकार हो जाए।
3. इसमें इतना जोर हो कि ये बाकी पिंडों से अलग अपनी स्वतंत्र कक्षा बना सके।

तीसरी अपेक्षा पर प्लूटो खरा नहीं उतरता है, क्योंकि सूर्य की परिक्रमा के दौरान इसकी कक्षा नेप्चून की कक्षा से टकराती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *