प्राचीन काल में ऋषि मुनि तपस्या करते हुए हजारों साल कैसे जी जाते थे? जानिए

प्रचीन काल में ऋषि मुनि तपस्या के द्वारा अपने शरीर में कुंडलिनी शक्ति जाग्रत कर उसे मूलाधार चक्र से सहस्त्रार चक्र में ले जा कर ब्रह्म परमात्मा शिव का साक्षात्कार कर अपने शरीर को दिव्य बना लेते थे और साधना तपस्या से रिद्धि सिद्धिया प्राप्त कर प्राणो को जीत कर हजारो वर्ष जीवित रहते थे अपनी आयु को अपनी इच्छा /संकल्प के अधीन रखते थे ।

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