पूजा पाठ में अगरबत्ती का प्रयोग क्यों किया जाता है? जानिए वजह

आमतौर पर अगरबत्तियों को प्राकृतिक तौर पर ही बनाया जाता है, जो कि आपकी हेल्थ के लिए काफी अच्छे माने जाते हैं. प्राकृतिक चिकित्सा में इसके बारे में जिक्र किया गया है कि इसकी हल्की और मीठी सुगंध व्यक्ति के चित्त को शांत करती है इसलिए इसका प्रयोग प्राकृतिक चिकित्सा में भी होता है.

साथ ही ये नकारात्मकता का नाश करती है और आपके घर से निगेटिव एनर्जी को खत्म करके सकारात्मक सोच को जन्म देता है. अगरबत्ती जलाने से बैक्टीरिया का भा नाश होता है इसलिए आमतौर पर अस्पतालों में भी अगरबत्ती जलाई जाती है.

अक्सर देखा गया है कि घरों या मंदिरों में पूजा-पाठ के लिए अगरबत्ती का प्रयोग किया जाता है. धूनी यानी धूप का प्रयोग भारत में प्राचीन काल से भगवान को प्रसन्न करने के लिए किया जाता रहा है.

अगर आप अगरबत्ती का प्रयोग करते हैं तो आपके घर से धन की समस्या दूर हो सकती है. लोगों के पास पैसे तो आते हैं लेकिन वो टिक नहीं पाते तो इस सूरत में आप शुक्रवार के दिन माता काली के मंदिर में जाएं और वहां माता के आगे धूप जरूर जलाएं. ऐसा करने से संभवत: आपकी समस्या दूर हो जाएगी.

अगरबत्ती जलाने से न केवल इसकी सुगंध ही आती है बल्कि ये आपको कई तरह के रोगों से भी बचाता है और आपके भीतर सकारात्मक ऊर्जा का संचार करता है. इससे घर के लोगों का मूड भी अच्छा रहता है.

अगर आपके घर का वास्तु खराब हो तो घर पर कबी भी शांति नहीं आती. नीम की पत्तियों की धूप को हफ्ते में एक बार जरूर जलाएं. इससे न सिर्फ वास्तुदोष खत्म होगा बल्कि घर का वातावरण भी शांत रहेगा.

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