पाकिस्तान के स्यालकोट में स्थित एक हजार वर्ष पुराने किस ऐतिहासिक मंदिर को विभाजन के 72 साल बाद खोला गया है?

पाकिस्तान के स्यालकोट में स्थित एक हजार वर्ष पुराने एतिहासिक शिवालय तेजा सिंह मंदिर को विभाजन के 72 साल बाद खोला गया है।1947 में देश के बंटवारे के बाद इस शिवाला को बंद कर दिया गया था। उस दौरान हिंदुओं के पलायन कर जाने के बाद यह वीरान हो गया था।गौरतलब है कि पाकिस्तान में सियालकोट और पेशावार वो स्थान हैं जो हिन्दू धर्म के लिहाज से खासे अहम हैं और यहां शिवालय तेजा सिंह के अलावा जगन्नाथ मंदिर और गोरखनाथ मंदिर हैं।

इस मंदिर का निर्माण लगभग 1000 साल पहले हुआ था। दिवंगत रशीद नियाज़ी द्वारा लिखी पुस्तक “हिस्ट्री ऑफ़ सियालकोट” के अनुसार भी यह मंदिर लगभग 1,000 साल पुराना है।

पाकिस्तान के श्राइन बोर्ड के उप सचिव सैय्यद फराज अब्बास ने पूजा से पहले मंदिर का दौरा किया था। साथ ही अब्बास ने सियालकोट के हिंदू समुदाय से बात की थी और उन्हें इस मंदिर में आकर पूजा करने के लिए आमंत्रित किया था। मजेदार बात ये है कि मंदिर खुलने के बाद जिस वक्त यहां पूजा के लिए हवन हुआ उसकी भी अध्यक्षता सैय्यद फराज अब्बास ने ही की और हवन कार्यक्रम में बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया।

यह मंदिर इकबाल रोड पर 100 फीट की ऊंचाई पर स्थित है । इकबाल रोड से, मंदिर तक पहुंचने के लिए सीढ़ियों पर चढ़ना पड़ता है। इस मंदिर के जीर्णोद्धार की जरूरत है ।शिवाला तेजा सिंह पर भारतीय मंदिरों के शिल्प की छाप है। इस शिवाला के पिलर, गुंबद से लेकर छतों की बनावट तथा भव्य नक्काशी और चित्रकारी दिल को छू लेने वाली है। संरक्षण के बाद यह धार्मिक ही नहीं पर्यटन के नजरिए से भी आकर्षण होगा।

पाक सरकार शिवाला के संरक्षण पर 50 लाख रुपए खर्च करेगी। बोर्ड के चेयरमैन डॉ. आमीर अहमद ने इसके संरक्षण को जल्द शुरू करने की बात कही है। मंदिर के बचे हिस्से मजबूत हैं। इसकी छत, गुफाएं और पिलरों आदि को रिपेयर की हल्की-फुल्की जरूरत होगी। श्री गंगा राम हेरिटेज फाउंडेशन के डायरेक्टर सैयद शाहीन हसन ने बताया कि लोग भी इसके संरक्षण में यथा संभव मदद करेंगे।

एक मुस्लिम देश में सरकार की इस पहल से लोग खुश हैं. दर्शन के लिए मंदिर आने वाले श्रद्धालुओं ने इसके लिए पाकिस्तान सरकार का धन्यवाद किया है । जिस वक़्त पाकिस्तान में इमरान की सरकार बनी उन्होंने ये कहकर सत्तापक्ष से लेकर विपक्ष तक को हैरत में डाल दिया कि वो देश के हिन्दुओं और मंदिरों के कल्याण की दिशा में कार्य करते हुए देश के तकरीबन 400 मंदिरों का जीर्णोद्धार करेंगे ।

बात क्यों कि मंदिरों की चल रही है तो ये बताना भी जरूरी है कि ऑल पाकिस्तान हिन्दू राइट मूवमेंट नाम की संस्था ने यहां एक सर्वे कराया था जिसके परिणाम चौंकाने वाले थे।

सर्वे में आया कि बंटवारे के वक़्त पाकिस्तान में 428 हिंदू मंदिर थे और 1990 के बाद इनमें से 408 मंदिरों को टॉय स्टोर, रेस्टुरेंट, सरकारी कार्यालयों और स्कूलों में परिवर्तित कर दिया गया। पाकिस्तान के सरकारी अनुमान के मुताबिक, वर्तमान में सिंध में 11 मंदिर, पंजाब में 4, बलूचिस्तान में 3 और खैबर पख्तूनख्वा में 2 मंदिर हैं जो जल्द ही हिंदुओं को सौंपे जाएंगे।

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