नरक चतुर्दशी आज या कल, कब है शुभ मुहूर्त, जानिए

नरक चतुर्दशी का हिंदू धर्म में खास महत्व है। मान्यता है कि इस दिन
भगवान कृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था। इसलिए
इसका नाम नरक चतुर्दशी पड़ा है।


इस दिन सुबह उठने का विशेष महत्व है। साथ ही तीर्थ स्थल पर स्नान
किया जाता है। इस दिन तिल या सीसम तेल का उबटन लगाया जाता
है। स्नान के बाद लोग नये कपड़े पहनते हैं, पूजन करते हैं और उसके
बाद भोजन ग्रहण करते हैं।

शाम को लोग घर को दीया से सजाते हैं।
हर साल कार्तिक मास के कृष्णपक्ष की चतुर्दशी यानी कि चौदहवें
दिन नरक चतुर्दशी मनाई जाती है। इस बार 14 नवंबर को दोपहर
2:18 बजे तक नरक चतुर्दशी तिथि रहेगी इसके बाद अमावस्या तिथि
यानी दीपावली शुरू हो जाएगी।

अमावस्या तिथि 14 नवंबर दोपहर
2:17 बजे से अगले दिन यानी 15 नवंबर सुबह 10: 36 मिनट तक
रहेगीदीपावली अमावस्या तिथि की रात को मनाई जाती है और लक्ष्मी
पूजन अमावस्या की शाम को होता है। इसलिए इस साल 13 नवंबर
की शाम से 14 नवंबर की दोपहर तक नरक चतर्दशी और शाम को
महालक्ष्मी पूजन किया जाएगा।

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