दिल्ली में चांदनी चौक का निर्माण किसने और क्यों करवाया था? जानिए

चांदनी चौक दिल्ली का सबसे पुराना एवं सबसे व्यस्त क्षेत्र है। चांदनी चौक के बनने के पीछे भी एक कहानी बताई जाती है।

कहते हैं कि शाहजहाँ को अपनी बेटी जहानारा बेगम से बहुत लगाव था, वह उसकी खुशी के लिए कुछ भी करने को तैयार था। वहीं दूसरी ओर जहानारा को खरीदारी का बहुत शौक था, वह जगह-जगह जाकर नई-नई चीजें खरीदती रहती थीं।

इसपर शाहजहाँ ने सोचा कि एक ऐसा बाज़ार बनाया जाए, जहाँ पर हर एक चीज़ मिल सके। फिर क्या था, शाहजहाँ ने तुरंत ही एक ऐसा बाज़ार बनाने का हुक्म दे दिया।

इसके बाद चांदनी चौक को बसाने का काम शुरू हुआ, कहते हैं कि सन 1650 में इसे बनाना शुरू हो गया था, इसका डिजाइन बहुत ही अलग रखने की बात की गई ताकि हर ओर इसका नाम हो जाए।

इसलिए इसे एक चौकोर आकर में बनाया गया, इसके चारों तरफ बाज़ार की जगह दी गई, वहीं बीच का हिस्सा यमुना नदी के लिए छोड़ दिया गया, कुछ ही वक्त में कारीगरों ने चांदनी चौक के बाज़ार को तैयार भी कर दिया।

चांदनी चौक का डिजाइन उनकी बेटी जहांआरा द्वारा तैयार किया गया था। चांद की रोशनी को प्रतिबिंबित करने के लिए बाजार को नहरों द्वारा विभाजित किया गया था और यह भारत के सबसे बड़े थोक बाजारों में से एक बना हुआ है।

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