दिल्ली में कोरोना वैक्सीन 52 लोगों के लगने के बाद हुई परेशानी 1 की हालत गंभीर

कोरोना वायरस के टीकाकरण के पहले दिन दिल्ली में 52 लोगों में टीका लगने के बाद परेशानी हुई है। इनमें से एक की हालत गंभीर है। इसके अलावा नई दिल्ली जिले में चार लोगों को टीका लगने के बाद हल्के दुष्प्रभाव के मामले सामने आए हैं।

देश में पहली बार दिल्ली में 52 स्वास्थ्य कर्मचारियों को टीका लगने के बाद दिक्कतें हुई हैं। इनमें से दो स्वास्थ्य कर्मचारियों को टीका की डोज लेने के कुछ घंटे बाद एलर्जी होने लगी थी। केवल एक ही कर्मचारी को एईएफआई सेंटर भेजने की नौबत आई है।

दिल्ली सरकार के अनुसार राजधानी के सभी 11 जिलों में 8117 लोगों को टीका लगाया जाना था, लेकिन 4319 कर्मचारियों को ही टीका लगाया गया।

दिल्ली के सभी जिलों में 52 दुष्प्रभाव के मामले सामने आए हैं जिनमें से एक मरीज की हालत गंभीर है।

सरकार ने बताया कि दिल्ली के 11 में से केवल दो ही जिले ऐसे हैं जहां एक भी दुष्प्रभाव का मामला नहीं मिला है। इनमें उत्तर पूर्वी और शाहदरा जिले हैं। जबकि अन्य सभी 9 जिले में दुष्प्रभाव के मामले सामने आए हैं।

सरकार ने बताया कि उत्तरी दिल्ली जिला में एक, दक्षिणी पूर्वी जिला में पांच, उत्तर पश्चिम में 4, पूर्वी दिल्ली में छह, सेंट्रल में दो, दक्षिणी जिले में 11, नई दिल्ली में पांच, दक्षिणी पश्चिमी जिले में 11 और पश्चिम जिले में छह लोगों में टीका लगने के बाद दिक्कत हुई है। दक्षिणी जिला में एक व्यक्ति में गंभीर दिक्कत हुई है।

नई दिल्ली जिला प्रशासन के अनुसार चरक पालिका अस्पताल में टीका लगाने के दौरान दो प्रतिकूल घटना के मामले सामने आए हैं। जबकि दो ही मामले उत्तरी रेलवे के पटपड़गंज स्थित अस्पताल में मामले सामने आए हैं। इनमें से एक कर्मचारी को एईएफआई सेंटर भेजने की नौबत आई है।

सरकार ने हर टीका बूथ के पास एक एईएफआई सेंटर बनाया है जहां टीका लगने के बाद दुष्प्रभाव मिलने पर उपचार सुविधा मिल रही है। जिला प्रशासन के अनुसार उनके जिले में सात केंद्रों पर टीकाकरण आयोजित हुआ है। पहले दिन इन अस्पतालों में 305 स्वास्थ्य कर्मचारियों ने टीका लगवाया है।

चरक पालिका अस्पताल में 43, दिल्ली कैंट अस्पताल में 38, प्राइमस अस्पताल में 41, 51 रेलवे अस्पताल, कलावती अस्पताल में 26, राम मनोहर लोहिया में 31 और स्पाइनल इंजरी सेंटर पर 75 लोगों को टीका लगाया गया।

नई दिल्ली जिला प्रशासन ने बताया कि चार स्वास्थ्य कर्मचारियों में से दो को सामान्य प्रतिकूल असर दिखाई दिए हैं। जबकि अन्य दो में एलर्जी मिलने के चलते उन्हें अपने घर पर ही निगरानी में रखा गया है। अगले सात दिन तक इन लोगों की निगरानी जिला टीम करेगी। किसी भी कर्मचारी को प्रतिकूल घटना के चलते अस्पताल में भर्ती करने की नौबत नहीं आई है।

विशेषज्ञों की राय: राजीव गांधी अस्पताल के कोविड नोडल अधिकारी डॉक्टर अजीत जैन ने बताया कि वैक्सीन का दुष्प्रभाव कई प्रकार का होता है। अगर किसी को मामूली बुखार या एलर्जी होती है तो इसके लिए दवा दी जाती है। एलर्जी, बुखार, घबराहट, या टीका लगने की जगह पर दर्द होने पर वैक्सीन केंद्र पर मौजूद डॉक्टर ही इलाज कर देते हैं।

लेकिन अगर किसी को सांस लेने जैसी दिक्कत या शरीर के किसी अंग में गंभीर दर्द जैसी समस्या होती है तो ऐसी स्थिति में वालंटियर को बड़े अस्पताल में रेफर किया जाता है। टीका लगने के बाद आधे घंटे के भीतर या अगले दो से तीन दिन के भीतर भी दुष्प्रभाव दिखाई दे सकते हैं।

इनमें सबसे आम शरीर पर दाने निकलना और बुखार आना होता है। टीका लगने के बाद अगर यह लक्षण दिखाई दे रहे हैं तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इस मामले में लापरवाही बरतना घातक साबित हो सकता है।

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