डीएसी ने दी प्रस्‍तावों को मंजूरी, वायुसेना के लिए एचएएल से 7,600 करोड़ में खरीदे जाएंगे 106 &प्रशिक्षण विमान

रक्षा -खरीद परिषद (डीएसी) ने 8,722.38 करोड़ -रुपये के खरीद- प्रस्तावों को मंजूरी -प्रदान कर दी है। इसमें 7,600 करोड़ रुपये -मूल्य के 106 बेसिक प्रशिक्षण विमान शामिल हैं। रक्षा मंत्रालय ने बताया कि -रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई परिषद की बैठक में विभिन्न हथियारों और उपकरणों की खरीद को मंजूरी प्रदान की गई। हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (एचएएल) ने बेसिक प्रशिक्षण विमान (एचटीटी-40) का प्रोटोटाइप सफलतापूर्वक विकसित कर लिया है और उसके प्रमाणीकरण की प्रक्रिया जारी है।

शुरुआत में -एचएएल से 70 विमानों की खरीद

परिषद ने एचएएल से ऐसे 106 विमानों की खरीद को मंजूरी दी है ताकि वायुसेना की मूलभूत प्रशिक्षण आवश्यकताओं को पूरा किया जा सके। प्रमाणीकरण प्रक्रिया के बाद शुरुआत में एचएएल से 70 विमानों की खरीद की जाएगी। बाकी 36 विमानों को वायुसेना के बेड़े में इन विमानों का संचालन शुरू होने के बाद हासिल किया जाएगा।

नौसेना की फायरिंग क्षमता में सुधार के लिए परिषद ने भारत हेवी इलेक्टि्रकल्स लिमिटेड (बीएचईएल) से सुपर रैपिड गन माउंट (एसआरजीएम) के उन्नत संस्करण की खरीद को मंजूरी प्रदान कर दी है। इसे नौसेना और तटरक्षक बल के जहाजों पर लगाया जाता है। एसआरजीएम के उन्नत संस्करण में मिसाइलों जैसे गतिशील लक्ष्यों को निशाना बनाने की क्षमता है।

सेना के लिए भी खरीद को मंजूरी

इसके अलावा डीएसी ने सेना के लिए 125 मिमी की आर्मर पियर्सिग फिन स्टेबिलाइज्ड डिस्कार्डिग सैबोट (एपीएफएसडीएस) की खरीद को भी मंजूरी प्रदान कर दी है। इसकी 70 फीसद सामग्री स्वदेशी होगी। परिषद की मंजूरियों से एके-203 असाल्ट राइफलों की खरीद और मानव रहित विमानों के अपग्रेड को गति मिलने की भी संभावना है।

दोस्तों इससे हमारे देश की वायु सेना क्षमता बढ़ेगी दुश्मन के अंदर भी डर पैदा होगा अगर आपको हमारी यह पोस्ट पसंद आई हो तो मैं फॉलो करना ना भूलें साथ ही साथ आ लाइक और शेयर भी करते। भारत को रक्षा खरीद को कम करके अपने देश में ही हथियारों का निर्माण करना चाहिए जिससे कि विदेशी मुद्रा को बचाया जा सके और आत्मनिर्भर बनना चाहिए।

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