डार्क मोड के क्या फायदे हैं जो कंपनियां आज-कल फोन में दे रही हैं?

यदि आप मोबाइल में डार्क मोड का उपयोग करते हैं और जानना चाहते हैं कि डार्क मोड के क्या फायदे हैं तो सबसे पहले मैं आपको बताना चाहूंगा कि डार्क मोड तब अधिक फायदेमंद होता है जब आपके मोबाइल की स्क्रीन OLED या AMOLED हो।

Amoled या Oled डिस्प्ले स्क्रीन के पिक्सेल पर लाइट पड़ने से वह एक्टिव होते हैं और जिन पिक्सेल पर लाइट नहीं पड़ती है(ब्लैक बैकग्राउंड) वह एक्टिव नहीं होते हैं, जिससे बैटरी की खपत कम होती है, डार्क मोड में पॉवर की आवश्यकता कम होती है।

यदि आप LCD स्क्रीन वाले फोन का उपयोग कर रहे हैं तो बैटरी सेविंग की सुविधा डार्क मोड में आपको उतनी नहीं मिलेगी क्योंकि एलसीडी स्क्रीन में सारे पिक्सेल एक्टिव होते हैं चाहे बैकग्राउंड कोई भी हो।

डार्क मोड के उपयोग से जो दूसरी सुविधा है वह है blue light (नीली रौशनी) से बचाव, मोबाइल के स्क्रीन से जो नीली रौशनी निकलती है उसे आखों के लिए अच्छा नहीं माना जाता है, और डार्क मोड का उपयोग करने से ब्लू लाइट (नीली रौशनी) को कम किया जा सकता है, किन्तु इसके इतने प्रमाण नहीं है कि मोबाइल से आ रहे नीली रौशनी से सच में आखों पर कोई असर होता हैं, किन्तु यह जरूर है कि डार्क मोड ब्लू लाइट को कम करता है।

डार्क मोड का उपयोग कर आप कम रौशनी में भी टेक्स्ट अच्छे से देख सकेंगे और आखों को थोड़ी राहत मिलती है ।

डार्क मोड का उपयोग कब नहीं करना चाहिए.

हमें डार्क मोड का उपयोग दिन के समय नहीं करना चाहिए , दिन के समय में या हमेशा डार्क मोड का उपयोग से आंखों में भविष्य में कुछ समस्या होने की संभावना हो सकती है क्योंकि ज्यादातर समय डार्क मोड के उपयोग से रौशनी में देखने की आंखो की शक्ति कम हो जाती है और vision भी कमजोर होता है।

सफेद बैकग्राउंड में काले अक्षर देखने में उतनी समस्या नहीं है जितनी की काले बैकग्राउंड में सफेद अक्षर देखने में, काले background में सफेद अक्षर देखने में फोकस कमजोर होने लगता है और आखों में धुंधापन आने लगता है ।

रातों में डार्क मोड का उपयोग लाभदायक हो सकता है, किन्तु दिन की रौशनी में इनका उपयोग समस्याओं का कारण हो सकता है।

डार्क मोड का उपयोग आवश्यकता अनुसार की जाए तो इसके अच्छे परिणाम हो सकते हैं।

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