टनल नं 33 – कालका शिमला रेलवे की एक भूतिया सुरंग
कालका शिमला रेलवे लाइन पर वैसे तो कई सारी सुरंगे है। लेकिन एक सुरंग ऐसी भी है जिसे यहा के स्थानीय नागरिक भूतहा मानते है। इसे ‘टनल नं 33’ या ‘बड़ोग सुरंग’ के नाम से जाना जाता है। लोगो का यह कहना है कि इस रेलवे सुरंग के अंदर और इसके आसपास एक ब्रिटिश इंजीनियर की आत्मा भटकती है। जिसने इस सुरंग को बनाने का काम शुरू किया था। इस सुरंग की कुल लंबाई 1144 मीटर है और इसे पार करने के लिए ट्रेन 2.5 मिनट का समय लेती है। यह दुनिया की सबसे सीधी सुरंग है।
इस सुरंग को बनाने का काम सन 1900 में शुरू हुआ था। जिसे बनाने का काम कर्नल बड़ोग नाम के एक ब्रिटिश इंजीनियर को सौंपा गया था। इंजीनियर ने पहाड़ो का निरीक्षण किया और इस सुरंग को बनाने का काम का शुरू कर दिया। इंजीनियर ने पहाड़ के दोनों तरफ से सुरंग को खोदने का काम शुरू किया। उसका अनुमान था कि खुदाई करते करते बीच मे ये दोनों सुरंगे मिल जायेंगी। लेकिन ऐसा नही हुआ था काफी खुदाई करने के बाद भी ये दोनों सुरंगे मिल नही पाई।
इसके बाद ब्रिटिश सरकार ने कर्नल बड़ोग के ऊपर पैसे की बर्बादी का आरोप लगाया था और उसके ऊपर एक रुपये का दंड लगाया था। जिससे कर्नल बड़ोग को बहुत शर्मिंदगी महसूस हुई और उसने इसी सुरंग में खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली जिसके बाद उसको इसी सुरंग के पास ही दफना दिया गया। बड़ोग की मौत के बाद इसे बनाने का काम एक दूसरे इंजीनियर को सौंपा गया। जिसने यहा के एक बाबा भलकु के दिशा निर्देशों पर सुरंग के निर्माण कार्य को पूरा किया। यह सुरंग 1903 में बनकर तैयार हुई थी।
इस सुरंग के पास ही एक स्टेशन का निर्माण 1903 में ब्रिटिशों ने किया था। कर्नल बड़ोग को श्रद्धांजलि देने के लिए ब्रिटिश सरकार ने इस स्टेशन का नाम बड़ोग रख दिया। आज भी यहा के लोग कर्नल बड़ोग के भूत को देखने का दावा करते है और उन्हें इस सुरंग के अंदर से अजीब अजीब आवाजे भी सुनाई देती है।